जिनेवा। मानव तस्करों की यमन जा रही नाव पलटने से बुधवार को इथोपिया के 46 लोगों की डूबकर मौत हो गई और 16 लोग लापता हो गए। संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एंजेसी ने यह जानकारी दी।
सोमालिया के बोसासो द्वीप से मानव तस्करों की नाव में 100 प्रवासी सवार हुए जिसमें से 83 पुरुष और 17 महिलाएं थीं। ये सभी प्रवासी काम की तलाश में यमन और खाड़ी देश जा रहे थे। अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) के निर्देशक मोहम्मद अब्दिकर ने कहा कि यह घटना शर्मनाक है।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि हर महीन 7000 गरीब अप्रवासी यह खतरनाक यात्रा करते हैं। पिछले वर्ष एक लाख लोगों ने यह यात्रा की थी। यात्रा के दौरान उनको विकट और भयावह परिस्थितियों से गुजराना पड़ता है। इस पर रोक लगनी चाहिए।”
यह घटना संगठन द्वारा 101 इथोपियाई लोगों को यमन छोड़ने में मदद करने के एक दिन बाद घटी है। इनमें 51 महिलाएं और 33 बच्चे शामिल थे। ये सभी यमन में फंसे हुए थे और हिरासत में फंसे 300 अप्रवासियों में से सर्वाधिक असुरक्षित थे।
संगठन के बयान के अनुसार यमन आने-जाने वाले अप्रवासी मजदूरों को मानव तस्करों और अन्य अपराधियों के हाथों प्रताड़ित होना पड़ता है। इनका शारीरिक और यौन शोषण किया जाता है। इनको यातनाएं दी जाती है और वसूली की जाती है। जबरन काम करवाया जाता है। इस दौरान इनकी मौत भी हो जाती है।
कुछ अप्रवासी कामगार युद्ध की परिस्थितियों फंस जाते हैं जिसमें ये घायल हो जाते हैं या इनकी मौत भी हो जाती है। इनको आधिकारिक रूप से या फिर अनाधिकारिक रूप से हिरासत में भी रखा जाता है।