जयपुर। प्रदेश की राजधानी में सवाई मानसिंह अस्पताल के बांगड़ परिसर में संचालित राजकीय यूनानी औषधालय में स्वतंञता सैनानी हकीम अजमल खां के 155वें यौमे पैदाईश को विश्व यूनानी दिवस के तौर पर मनाया गया।
कार्यक्रम का आगाज डॉ शौकत अली अन्सारी ओएसडी यूनानी विभाग राजस्थान ने इल्म की शमा जलाकर किया। इस अवसर पर यूनानी विभाग के पूर्व डायरेक्टर डॉ मोहम्मद असलम खां ने हकीम अजमल खां की जीवनी पर रोशनी डालते हुए बताया कि अजमल खां स्वतंञता सेनानी के साथ- साथ हकीम भी थे। उनका जन्म 11 फरवरी 1864 को हुआ।
भारत में ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजों ने जब आयुर्वेद और यूनानी देशी चिकित्सा पद्धतियों को अवैज्ञानिक तरीके बताकर इन पर रोक लगानी चाही तब हकीम अजमल खां ने आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा को बचाने और इनके फ़रोग के लिए दिल्ली में आयुर्वेदिक और यूनानी तिब्बीया कॉलेज की स्थापना की। जिसका उद्घाघाटन महात्मा गांधी ने किया।
यूनानी चिकित्सा विभाग के उपनिदेशक डॉ महमूद अहसन सिद्दीकी ने कहा कि सन 2016 में आयुष मंञालय भारत सरकार ने हकीम अजमल खां जयंती को विश्व यूनानी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
उन्होंने राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम में यूनानी चिकित्सा पद्धति के उपचार को शामिल करने पर राजस्थान के मुख्य मंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि इससे सरकारी कर्मचारी, पेंशनर्स और आमजन को यूनानी दवाईयें नि:शुल्क उपलब्ध होने से काफी लाभ हो रहा है।
जयपुर जिला यूनानी कोऑर्डिनेटर और राजकीय यूनानी औषधालय एसएमएस अस्पताल जयपुर के चिकित्सा प्रभारी डॉ मोहम्मद रोशन ने बताया कि औषधालय में आने वाले मरीजो का यूनानी औषधियों एवं कपिंग (हिजामा) थेरेपी के जरिए बीमारियों का इलाज किया जा रहा है।
चिकित्सा दिवस के अवसर पर कनिष्ठ यूनानी कम्पाउंडर आशीष कुमार शर्मा और आयुष विभाग के सफाई कर्मचारी विनोद कुमार सरसिया को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयुष स्टाफ कनिष्ठ नर्स मंजू नोगिया, नर्सिंग स्टाफ महेन्द्र मीणा, समीर अब्बासी, परिचारक पुष्पा देवी, लईक अहमद व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहें।