सबगुरु न्यूज-सिरोही। राज्य के अन्य शहरों की तरह रुडिप से सीवेज प्रोजेक्ट ने सिरोही शहर को भी नारकीय पीड़ा में डाल दिया है। चिकित्सालय के सामने कई महीनों से मार्ग को खोद डालने का काम जल्दी नहीं होने को लेकर कहा था कि बड़ी सिफारिश करवानी पड़ेगी।
सिरोही ही नहीं सालों में माउण्ट आबू को भी इसी तरह तबाह कर रखा है। लेकिन, रुडिप ने महामारी के दौर में जिस तरह जिला चिकित्सालय रोड को नरक में तब्दील करके उस काम को पूर्ण नहीं कर रही है इसे लेकर और दूसरे बिंदुओं पर सिरोही विधायक को भी रुडीप के बेतरतीब काम को लेकर स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को पत्र लिखना पड़ा है।
-लिखा चार पेज का पत्र
लोढ़ा ने सिरोही शांति धारीवाल को लिखे अपने पत्र में चौथे बिंदु में पैलेस रोड की बदहाल सड़क का जिक्र किया है। ये बात अलग है कि कोरोना के दौरान यह प्राथमिक समस्या है। लोढ़ा ने पत्र में बताया कि पैलेस को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इस पर जिला चिकित्सालय व अन्य सरकारी संस्थाएं पड़ती हैं। कोरोना के दौरान जिले में यह सबसे व्यस्त मार्ग है, लेकिन रुडिप ने इसे सीवेज लाइन और पाइपलाइन डालने के लिए आठ महीने से ज्यादा समय से बर्बाद कर रखा है।
-जिला कलक्टर क्यों नहीं करते पब्लिक न्यूसेंस की कार्रवाई
विधायक संयम लोढ़ा ने अपने पत्र में बताया कि अतिरिक्त जिला कलक्टर ने 1 अप्रेल को आयोजित बैठक में पैलेस रोड को शीघ्र ही दुरुस्त करने को लेकर निर्देश दिए थे। लेकिन, इसके बावजूद भी रुडिप ने इस काम को पूरा अप्रेल निकलने पर भी पूरा करके सड़क को दुरुस्त नहीं किया।
विधायक द्वारा दी गई इस जानकारी से एक सवाल यह भी उठता है कि यदि जिला कलक्टर की बात नहीं मान रहे हैं तो फिर जिला कलक्टर ने सिरोही टनल के प्रकरण की तरह दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 के तहत पब्लिक न्यूसेंस क्रियेट करने को लेकर आखिर इन पर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की?
सिरोही टनल की बदहाल स्थिति को लेकर पूर्व जिला कलक्टर सरवन कुमार जब ऐसा कर सकते हैं तो फिर अब क्येंा नहीं ये हो सकता। आश्चर्य की बात तो ये है कि सिरोही का विपक्षी दल और कोई जागरुक नागरिक भी इसे लेकर कभी आगे नहीं आया।
-तकनीक पर उठाए सवाल
लोढ़ा ने शांति धारीवाल को लिखे पत्र में मोहल्लेवार रुडीप की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया है। इसमें बताया कि गैर तकनीकी और अकुशल लोगों से करवाए जा रहे काम के कारण शहर की हर गली में यह काम अधूरा छोड छोड़कर वहां के लोगों का जीना दुष्वार किए हुए हैं। पानी की पाइपलाइन बिछा दी हैं तो कनेक्शन नहीं किया, सीवेज के चैम्बर सही तरह से स्थापित नहीं किए, सभी जगह सड़कें खोद-खोदकर छोड़ दी हैं।
कार्यकारी ऐजेंसी द्वारा अब तक नियमानुसार समस्या निस्तारण हेतू कॉल सेंटर स्थापित नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि कई बार समन्वय बैठक स्थापित करके उन्हें कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। लोढ़ा ने स्वायत्तशासन मंत्री को शीघ्र ही व्यवस्थित ढंग के काम करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।