शामली। उत्तर प्रदेश में शामली के कोतवाली क्षेत्र में भतीजी से प्रेम विवाह किए जाने से आहत चाचा ने भाडे के हत्यारों के साथ मिलकर दामाद की गोली मारकर हत्या करा दी।
सीओ सिटी एवं कोतवाली पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची तथा मामले की जानकारी ली। पुलिस ने हत्यारोपियों की काफी तलाश की लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग पाया। पुलिस ने मौके से एक खोखा भी बरामद कर लिया है।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के संबंध में मृतक के पिता ने पुत्रवधू के चाचा सहित तीन आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस ने बताया कि शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव लांक निवासी विनय मलिक ने मेरठ के हस्तिनापुर क्षेत्र के गांव मकदूमपुर निवासी सुषमा से प्रेम विवाह किया था।
बताया जाता है कि सुषमा का चाचा ब्रिजेश शर्मा अपने दो साथियों सोनू नागर निवासी अलीपुर तथा विशाल जाट निवासी किशोरपुर सुषमा से मिलने के लिए लांक गांव आए थे। रात को खाना खाने के बाद सभी लोग सो गए।
सुबह के समय घर की ऊपरी मंजिल से गोली चलने की आवाज आयी जिस पर अन्य परिजन भी जाग गए तथा तुरंत ऊपरी मंजिल पर पहुंचे जहां उन्होंने ब्रिजेश शर्मा एवं उसके साथियों को विनय की हत्या करते हुए देखा।
परिजनों ने तीनों हत्यारोपियों को पकडने का प्रयास किया लेकिन वे हथियार लहराते हुए परिजनों को धक्का देकर मौके से भाग निकले।
सुनियोजित प्लान के तहत वारदात
पुलिस के अनुसार सुषमा के चाचा ब्रिजेश शर्मा द्वारा इस घटना को सुनियोजित प्लान के तहत अंजाम दिया गया। दरअसल, जिन दो साथियों को वह अपने साथ लाया था, वह बदमाश थे। पुलिस के मुताबिक वह भाड़े पर हत्या करते हैं। इनमें सोनू नागर पर विभिन्न थाना क्षेत्रों में हत्या, लूटपाट व रंगदारी मांगे जाने के एक दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज है जिस पर पचास हजार रुपए का ईनाम भी बताया जा रहा है।
वहीं विशाल का भी अपराधिक इतिहास है। उस पर भी दर्जनों मुकदमे विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज हैं जिस समय विनय की ब्रिजेश शर्मा के साथ स्कूल में पार्टनरशिप चल रही थी, उस समय दोनों भाड़े के हत्यारों से ब्रिजेश शर्मा ने विनय की मुलाकात कराई थी और इसी मुलाकात का फायदा उठाते हुए दोनों विनय के बच्चे का मुंह देखने का बहाना बनाकर सुषमा के चाचा के साथ घर में रुक गए और घटना को अंजाम दे डाला।
प्रेम विवाह को लेकर रंजिश
गांव लांक निवासी विनय विनय कवाल कांड में भी आरोपी था। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए मकदुमपुर स्थित रिश्तेदारी में जा ठहरा, जहां पर ब्रिजेश शर्मा के साथ तीन बीघा जमीन बेचकर स्कूल में पार्टनरशिप कर ली लेकिन इस दौरान हत्यारोपी ब्रिजेश शर्मा की भतीजी से प्रेम प्रसंग चला। दोनों ने भागकर प्रेम विवाह कर लिया, जिसे युवती के परिजनों ने स्वीकार नहीं किया और पार्टनरशिप को खत्म करते हुए रिपोर्ट भी दर्ज करा दी लेकिन बाद में किसी कारणों से दोनों के परिजनों में मौखिक रूप से समझौता भी हो गया लेकिन प्रेम विवाह किए जाने की टीस चाचा ब्रिजेश शर्मा के मन में लंबे समय तक बनी रही। इसी के चलते उसने घटना को अंजाम दिया।