बरेली। उत्तर प्रदेश में बरेली के इज्जतनगर क्षेत्र में मंगलवार देर रात पानी की टंकी का लिंटर डालना दुर्घटना का कारण बन गया। निर्माणाधीन लिंटर भरभराकर मजदूरों पर गिर गया जिसके मलबे में 19 मजदूर दब गए जिसमें दो की हालत गंभीर बनी हुई है।
निर्माण के समय जल निगम का कोई अवर अभियंता उपस्थित नहीं था। जिला प्रशासन ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
सूत्रों ने बताया कि इज्जतनगर में नगरिया परीक्षित में जल निगम 5.13 करोड़ रुपए से पानी की टंकी बनवा रहा है। यह कार्य रामपुर की फर्म अब्दुल रऊफ एंड संस को दिया गया। ठेकेदार मंयक गौड़ काम देख रहै है। मंगलवार रात लिंटर डाला जा रहा था। मजदूरों के अनुसार रोशनी कम होने से यह पता नहीं चल सका कि एक छोर पर निर्माण सामग्री ज्यादा डाल दी गई। वजन अधिक होने से पहले एक छोर, फिर पूरा निर्माणाधीन लिंटर गिर गया।
सूचना पर सीओ तृतीय साद मियां खान एंबुलेंस लेकर पहुंचे। आसपास के लोगों की सहायता से मलबे में दबे मजदूरों को निकालने के प्रयास शुरू किए गए। रात करीब एक बजे सभी 19 मजदूरों को निकालकर जिला अस्पताल भेजा गया। इनमें मुनीश, मनोज, यादराम, पंचू, वेदपाल, रिंकू, प्रदीप, आर्यन, मोनू व वीरेश को गंभीर चोटें आईं है। मुनीश का हाथ और मनोज का एक पैर टूट गया। इन सभी को भर्ती कर लिया गया। सभी मजदूरों की उम्र 25 से 40 साल के बीच है। चंद्रपाल, टोनी, धर्मपाल, यमुना प्रसाद, रुप किशोर, सोमदेव, विक्रम, हरनाम व सतपाल को प्राथमिक उपचार के बाद जाने दिया गया।
बुधवार सुबह जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि घटना की जांच कराई जाएगी। लापरवाह ठेकेदार द्वारा रात में काम कराना और जल निगम से किसी जिम्मेदार की मौजूदगी नही होना बड़ा अपराध है। ठेकेदार खिलाफ के खिलाफ श्रम अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। द्विवेदी ने बताया सूचना मिलने पर मंगलवार रात में करीब 11 बजे नगर आयुक्त पूजा गुप्ता वत्स और एडीएम संतोष बहादुर सिंह को भेजा। लिंटर रात में क्यों डाला जा रहा था, इसका जवाब देने के लिए जल निगम का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।