नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विरोध में बयान देने वाले कालीचरण महाराज ने एक ओर वीडियो जारी की है, जिसमें वह कहते हुए नजर आ रहे है कि उनके खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी (एफआईआर) का उन्हें कोई दुख नहीं है।
सरदार वल्लभभाई पटेल की सराहना करते हुए कालीचरण महाराज पंडित जवाहर लाल नेहरू का भी जिक्र किया है। अपनी इस वीडियो में कालीचरण ने कई नामों को सामने रखते हुए उन पर टिप्पणी की है, लेकिन गांधी जी को मूल रूप से निशाना बनाते हुए उन पर कई संगीन आरोप लगाए हैं।
वीडियो में कालीचरण ने कहा कि गांधी जी के खिलाफ बोलने पर मुझ पर कई एफआईआर दर्ज हुई, जिसका मुझे कोई पश्चाताप नहीं है। गांधी जी ने हिंदुओं के लिए कुछ ना करते हुए देश के साथ विश्वासघात किया है। प्रधानमंत्री पद के लिए वोट की गिनती में आगे रहने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जगह नेहरू को प्रधानमंत्री क्यों बनाया। वंशवाद फैलाने वाले गांधी जी ने पूरी कांग्रेस की प्रतिभाओं का खच्चिकरण कर दिया। गांधी जी इस नेहरू- गांधी वंशवाद के जनक हैं, राष्ट्र के जनक नहीं, इसलिए मैं उन्हें राष्ट्रपिता नहीं मानता हूं।
गांधी -नेहरू वंश पर आरोप लगाते हुए उन्होनें कहा कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस इन लोगों ने जो त्याग- बलिदान किए है। वह सब बेकार है। गांधी जी के मुताबिक इन लोगों ने देश की आजादी के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की फांसी गांधी रुकवा सकते थे, लेकिन नहीं रुकवाई इसलिए मैं (कालीचरण) गांघी का तिरस्कार करता हूं।
अपनी इस वीडियो में गांधी के खिलाफ कालीचरण ने कई संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि गांधी का सबसे बड़ा हथियार अनशन था, जिसका उपयोग उन्होंने भारतीय जनता के खिलाफ ही किया, हिंदुओं के खिलाफ ही किया। वहीं बंटवारे के समय लाखों करोड़ों हिंदुओं और सिखों को जिन्ना के द्वारा मारा गया।
उन्होंने आगे कहा कि महात्मा गांधी ने सावरकर की जातिवाद को तोड़ने और सभी वर्ण व्यवस्था को तोड़ हिंदुत्व की ध्वजा के नीचे सबको एक करने की बात नहीं मानी, ये मांग पूरी करने के लिए अनशन पर नहीं बैठे। साथ ही गांधी जी ने बाबा भीमराव अंबेडकर के संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित करने की बात को संसद में मनवाने के लिए अनशन पर नहीं बैठे।
उन्होंने गांधी राष्ट्रपिता नहीं है, अगर राष्ट्रपिता बनाना अनिवार्य ही है, तो छात्रपति शिवाजी, गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप, चाणक्य को बनाना चाहिए और मौजूदा दौरप के नेताओं में से बनाना है तो सरदार वल्लभ भाई पटेल को बनाना चाहिए जिन्होेंने पुरे देश को एकजुट किया।
वीडियो के अंत में कालीचरण ने नाथूराम गोडसे को कोटि कोटि प्रणाण करते हुए कहा कि महात्मा गांधी नहीं महात्मा नाथूराम गोडसे है और अगर सच बोलने की सजा मृत्यु है तो स्वीकार है।