जयपुर। यह खबर राजस्थान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है गुलाबी नगरी और राज्य की राजधानी जयपुर को आखिरकार यूनेस्को ने विश्व धरोहर शहर होने का प्रमाण पत्र दे दिया है। जयपुर को प्रमाण पत्र मिलने के बाद इस शहर की शान और शौकत पूरे विश्व भर में बढ़ जाएगी। यूनेस्को ने गुलाबी नगरी जयपुर को ‘विश्व धरोहर शहर’ का औपचारिक प्रमाण पत्र सौंप दिया है। यूनेस्को की महानिदेशक आंद्रे अजोले ने अलबर्ट हॉल पर आयोजित एक समारोह में स्वायत्त शासन व नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को जयपुर का यह प्रमाण पत्र सौंपा।
जयपुर के सांस्कृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दी गई है
अजोले ने कहा कि जयपुर के लोगों ने टिकाऊ भविष्य के निर्माण के लिए सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के जो प्रयास किए हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मान्यता दी। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि यूनेस्को ने जयपुर परकोटा शहर को विश्व विरासत सूची में अंकित किया है। उन्होंने पर्यटन विभाग व यूनेस्को के बीच पश्चिमी राजस्थान में हैरिटेज प्रमोशन के लिए किए गए करार की सराहना करते हुए कहा कि यह करार वहां की कला व कलाकारों को विश्व भर में एक नई पहचान देगा।
गुलाबी नगरी की कला को विश्व भर में मिलेगी पहचान
राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी भारत समेत दुनिया भर में अपनी कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। देश ही नहीं विदेशों से लाखों पर्यटक जयपुर शहर की विरासत को देखने आते हैं। यह शहर बॉलीवुड कलाकारों और निर्देशकों का पसंदीदा रहा है यहां तमाम फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। यहां घूमने के लिए पर्यटकों के लिए बहुत संभावनाएं रहती है तभी वह खिंचा चला आता है। राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि जयपुर दुनिया के सबसे श्रेष्ठ योजनाबद्ध शहरों में से एक है। जयपुर शहर को यूनेस्को की ओर से प्रमाण पत्र मिलने के बाद पर्यटन मंत्री ने कहा कि जयपुर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल किए जाने से प्रदेश के पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
वर्ष 2019 में जयपुर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया था
वर्ष 2019 में यूनेस्को ने राजस्थान की राजधानी जयपुर को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया था। अजरबैजान की राजधानी बाकू में हुई विश्व धरोहर समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। वर्ष 2018 में सरकार ने इसके लिए यूएन को प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद राजस्थान के इस शहर को फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। दिल्ली स्थित यूनेस्को कार्यालय की ओर से कहा गया था कि जयपुर की शहरी योजना प्राचीन हिन्दू, मुगल और समकालीन पश्चिमी महत्ता को प्रदर्शित करती है। ऐतिहासिक जयपुर शहर की स्थापना 1727 में राजा जयसिंह ने की थी। यह अपनी स्थापत्य कला के कारण पर्यटकों में आकर्षण का केंद्र है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार