नई दिल्ली। सरकार ने आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों पर सीमा शुल्क में बढ़ोतरी का ऐलान किया है जिससे इनके महंगे होने की आशंका है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में शनिवार को अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को प्रोत्साहन देना चाहती। इसे ध्यान में रखकर विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों पर सीमा शुल्क को बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने 2020-21 के बजट में वाणिज्यक वाहनों की पूर्णत: आयतित निर्मित यूनिट्स (सीबीयूएस) पर सीमा शुल्क को 01 अप्रैल से 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने की घोषणा की है।
बजट में सेमी नॉक्डडाउन (एसकेडी) के रूप में यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों पर सीमा शुल्क दुगना कर 15 प्रतिशत से 30 प्रतिशत किया है। इसी तरह इलेक्ट्रिक बसों, ट्रक ओर दुपहिया एसकेडी पर सीमा शुल्क 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया है।
पूर्ण नॉक्डडाउन(सीकेडी) के रूप में यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों, तिपहिया, दुपहिया, बस और ट्रकों पर सीमा शुल्क को वर्तमान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री ने परंपरागत वाणिज्यिक वाहनों के सीबीयू पर सीमा शुल्क 30 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का प्रावधान किया है। इसके अलावा कैटालिक कन्वर्टर के उत्पादन के लिए काम आने वाले पुर्जों पर सीमा शुल्क को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर साढ़े सात प्रतिशत किए जाने की घोषणा की गई है।