नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश में शिक्षा को और गुणवत्तपूर्ण बनाने के लिए लाई गई नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पंद्रह हजार से अधिक विद्यालयों में गुणवत्ता की दृष्टि से सुधार किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
सीतारमण ने सोमवार 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति को देशवासियों ने तहे दिल से स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में नई शिक्षा नीति के तहत पंद्रह हजार से अधिक विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता की दृष्टि से सुधार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बजट में सौ नए सैनिक स्कूल खोलने का भी प्रस्ताव किया गया है। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी जिससे यहां के युवाओं को फायदा होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच के लिए लेह में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय के गठन का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है।
ऐसे स्कूलों की इकाई लागत को 20 करोड़ रुपए से बढाकर 38 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है और पहाड़ी तथा दुर्गम क्षेत्रों के लिए तो इसे बढाकर 48 करोड़ रुपए करने का है। उन्होंने कहा कि इससे जनजातीय विद्यार्थियों के लिए अवसंरचना सुविधा को पैदा करने में मदद मिलेगी।
सीतारमण ने कहा कि अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए पोस्टमैट्रिक छात्रवृति स्कीम का पुनरुद्धार करने के लिए केंद्र की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि में भी वृद्धि किया गया है। अनुसूचित जाति के चार करोड़ विद्यार्थियों के लिए 2025-26 तक की छह वर्ष की अवधि के लिए 35219 करोड़ रुपए का आवंटन का प्रस्ताव है।