नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पेश केन्द्रीय बजट 2021-22 में कहा कि आत्मनिर्भर भारत के छह प्रमुख स्तंभों में स्वास्थ्य और देखभाल प्रमुख स्तंभ है तथा अन्य क्षेत्रों के साथ स्वस्थ भारत राष्ट्र प्रथम के संकल्प को और मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान स्वास्थ्य और देखभाल का क्षेत्र केन्द्र सरकार की विशेष प्राथमिकताओं में रहा है। यह क्षेत्र केन्द्रीय बजट का आधार तय करने वाले स्तंभों में से एक है। देश के विकास के लिए स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। इस क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष के 94,452 करोड़ रुपए की अपेक्षा 2021-22 के बजट अनुमान में 2,23,846 करोड़ रुपए की वृद्धि की गई है। इस क्षेत्र में 137 प्रतिशत की यह वृद्धि है।
सीतारमण ने कहा कि इसके साथ ही बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण तीन क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया गया हैः रोकथाम, उपचार और देखभाल। वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य अवसंरचना पर इस बजट में महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में खर्च में वृद्धि के साथ उन्हें और अधिक धन उपलब्ध कराया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है और मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली के महत्व को रेखांकित करते स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार विकास के लिए केन्द्र प्रायोजित नई योजना, प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना शुरू की जाएगी। इसके लिए अगले छह वर्षों में 64,180 करोड़ रुपए के परिव्यय की योजना है।
इस योजना से प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य प्रणाली की क्षमता विकसित की जाएगी, मौजूदा राष्ट्रीय संस्थानों को मजबूती मिलेगी, नए संस्थानों का निर्माण होगा, जिससे नई पैदा होने वाली बीमारियों का पता लगाकर उनका इलाज किया जा सके। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से अलग होगी।
इस योजना में 17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्वास्थ्य और देखभाल केन्द्रों को सहायता, 11 राज्यों में सभी जिलों और 3,382 ब्लॉक में जन-स्वास्थ्य केन्द्रों में एकीकृत जन-स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित करना, 602 जिलों में जटिल सेवा अस्पताल खंड और 12 केन्द्रीय संस्थानों की स्थापना करना शामिल है।
इसके अलावा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी), इसकी 5 क्षेत्रीय इकाइयों और 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को सुदृढ़ करना,सभी जन-स्वास्थ्य प्रयोगशाला को जोड़ने के लिए एकीकृत स्वास्थ्य पोर्टल का सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में विस्तार, 17 नए जन-स्वास्थ्यों इकाइयों को क्रियात्मक बनाना और प्रवेश के केन्द्रों, 32 हवाई अड्डों, 11 बंदरगाहों और 7 सीमा चौकियों पर 33 मौजूदा स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ करना शामिल है।
योजना में 15 आपातकालीन स्वास्थ्य ऑपरेशन केन्द्र और 2 मोबाइल अस्पतालों की स्थापना,विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में एक क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म, एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान, 9 बायो सुरक्षा स्तर III प्रयोगशालाएं और 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय विषाणु संस्थान की स्थापना करने की बात कही गई है।
सीतारमण ने कहा कि देश के स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए पोषण को एक महत्वपूर्ण घटक रेखांकित किया गया है। पोषण को मजबूत करने के लिए केन्द्रीय बजट में पोषण अभियान और अतिरिक्त पोषण कार्यक्रम के विलय का प्रस्ताव है। इससे मिशन पोषण 2.0 को सहयोग मिलेगा। देशभर के 112 आकांक्षी जिलों में पोषण बढ़ाने के लिए एकीकृत योजना बनाई गई है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया और हमारे वैज्ञानिकों को इसका श्रेय देते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। हम सभी वैज्ञानिकों की ताकत और कड़ी मेहनत के लिए शुक्र गुजार है।
उन्होंने कहा कि भारत के पास इस समय दो वैक्सीन उपलब्ध है और अपने देशवासियों को ही नहीं बल्कि 100 से अधिक देशों के लोगों को भी कोविड-19 से सुरक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही हमारे देश को दो या इससे अधिक वैक्सीन और मिलने की संभावना है।
सीतारमण ने कहा कि बजट 2021-22 में कोविड-19 वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि इसके अलावा भारत में निर्मित निमोनिया संबंधी वैक्सीन अभी केवल पांच राज्यों तक सीमित है, लेकिन जल्द ही इसे पूरे देश में उपलब्ध कराई जाएगी। इससे हर वर्ष देश में 50,000 बच्चों की मौत को रोकने में मदद करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि संसद में स्वास्थ्यसेवा से सम्बद्ध कर्मियों के लिए राष्ट्रीय आयोग विधेयक प्रस्तुत किया जा चुका है। इससे 56 स्वास्थ्य सेवा से सम्बद्ध व्यवसायों में पारदर्शिता और उचित नियामक सुनिश्चित किया जा सकेंगी। उन्होंने कहा राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवायफरी आयोग विधेयक पारित कराने के लिए संसद में सरकार द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। इससे नर्सिंग व्यवसाय में पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधार सुनिश्चित होंगे।