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भविष्य की गुलाबी तस्वीर पेश करता सीतारमण का बजट - Sabguru News
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भविष्य की गुलाबी तस्वीर पेश करता सीतारमण का बजट

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भविष्य की गुलाबी तस्वीर पेश करता सीतारमण का बजट

नई दिल्ली। काेरोना महामारी की चुनौतियों और उथल पुथल भरे वैश्विक परिदृश्य के बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को संसद में अपना आठवां बजट पेश किया जिसमें बेहतर जीवन, उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने और रोजगार के अवसर देने के वादे के साथ वर्ष 2022-23 में 39.45 करोड़ रुपए व्यय करने का प्रस्ताव किया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करीब डेढ़ घंटे के बजट भाषण में कई नई योजनाओं का प्रस्ताव किया तथा कर राजस्व में बढोतरी किए जाने के भी उपायों का ऐलान किया। चालू वित्त वर्ष का बजट अनुमान 34.83 लाख करोड़ रुपए था जो अब संशोधित होकर 37.70 लाख करोड़ रुपए हो गया है। वित्त मंत्री के रूप में सीतारमण का यह चौथा बजट था।

सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, सार्वजनिक परिवहन, जलमार्ग और मालवहन को भारतीय अर्थव्यवस्था के सात इंजन करार देते हुए वित्त मंत्री ने अगले 25 वर्ष का खाका पेश किया और कहा कि इनसे युवाओं के लिए उद्यम के अवसर उपलब्ध होंगे और व्यापक स्तर पर रोजगार मिलेगा।

उन्होंने कहा कि ये सातों इंजन एक साथ मिलकर अर्थव्‍यवस्‍था को आगे ले जाएंगे। उन्हाेंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में एक्‍सप्रेस मार्ग के लिए पीएम गतिशक्ति मास्‍टर योजना को लागू किया जाएगा ताकि लोगों और वस्‍तुओं का अधिक तेजी से आवागमन हो सके।

वर्ष 2022-23 में राष्‍ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 25,000 किलोमीटर का विस्‍तार किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि वित्‍तपोषण से 20,000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे ताकि सार्वजनिक संसाधनों को पूरा किया जा सके। रेलवे पार्सलों के निर्बाध आवाजाही की सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए डाक और रेलवे को जोड़ने में अग्रमी भूमिका निभाने के साथ-साथ रेलवे छोटे किसानों तथा लघु एवं मध्‍यम उद्यमों के लिए नए उत्‍पाद और कार्यकुशल लॉजिस्टिक सेवाएं विकसित करेगा।

उन्‍होंने कहा कि स्‍थानीय कारोबार तथा आपूर्ति श्रृंखला की सहायता करने के लिए एक स्‍थान एक उत्‍पाद की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया जाएगा। इसके अलावा आत्‍मनिर्भर भारत के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में 2,000 किलोमीटर के नेटवर्क को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

अगले तीन वर्षों के दौरान 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत रेलगाड़ियों का विकास और विनिर्माण किया जाएगा जोकि ऊर्जा क्षमता और यात्रियों के सुखद अनुभव की दृष्टि से बेहतर होंगी। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में परंपरागत सड़कों के विकल्‍प में एक राष्‍ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम चलाया जाएगा।

वित्त वर्ष 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी आठ रोपवे परियोजनाओं को पीपीपी आधार पर शुरू किया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 44 हजार करोड़ रुपए की आवंटन से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 80 लाख मकान बनाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022-23 के बजट को जनहितैषी तथा प्रगतिशील बताते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के बीच रोजगार के नए अवसरों के साथ साथ विकास का नया विश्वास लेकर आया है। ये बजट 100 साल की भयंकर आपदा के बीच, विकास का नया विश्वास लेकर आया है।

यह बजट अधिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, ज्यादा निवेश, ज्यादा वृद्धि और ज्यादा रोजगार की नई संभावनाओं से भरा हुआ है। इससे हरित रोजगार का भी क्षेत्र और खुलेगा। ये बजट, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही सामान्य मानवी के लिए, अनेक नए अवसर बनाएगा।

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव काल का आम बजट गरीबों को सशक्त और सक्षम बनाने वाला है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट को शून्य करार देते हुए कहा है कि इसमें गरीबों किसानों और पीड़ित वर्गों के लिए कोई राहत नहीं दी गई है। इसमें नौकरी पेशा लोगों, मध्यमवर्ग, गरीबों, पीड़ितों, युवाओं, किसानों और एसएमएसएमई के लिए कुछ भी व्यवस्था नहीं की गई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने आम बजट 2022-23 को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि इसमें गरीबों, कमजाेरों, आदिवासियों, युवाओं, मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है और यह पूरी तरह से पूंजीवादी बजट है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता सीताराम येचुरी ने केंद्रीय बजट 2022-23 पर कहा कि कोरोना काल में अमीरों पर कर बढ़ाना चाहिए था। कोरोना महामारी में जब भुखमरी, बेरोज़गारी और ग़रीबी बढ़ी है, तब कुछ लोगों ने इस दौरान जमकर धन बनाया, उनसे ज़्यादा कर लिया जाना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों के लिए यह शून्य बजट है। सरकार बड़ी लड़ाई हार चुकी है। यह पेगासस प्रभावित बजट है। शिवसेना के प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है। उनके बोझ को कम करने या आय बढ़ाने का उपाय नहीं किया गया है।

उद्योग जगत ने अगले वित्त वर्ष के लिए पेश हुए बजट को स्वागतयोग्य बताया और कहा कि इससे दीर्घकालिक विकास को गति मिलेगी। वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ फिक्की, एसोचैम और सीआईआई ने इसे विकासोन्मुखी बजट बताया है।

भारतीय निर्यातक संघ ने बजट को आने वाली चुनौतियों से निपटने वाला बताया है। सेल्युलर ऑपरेटरों के संघ सीओएआई ने इसे विकास समर्थक बजट बताया है जिसमें डिजिटल इंडिया पहल को और गति प्रदान करने पर जोर दिया गया है। इस आम बजट का शेयर बाजार ने भी जोरदार स्वागत किया जिससे लिवाली के बल पर जबरदस्त तेजी देखी गई।

आम बजट में चालू वित्त वर्ष आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत का अनुमान व्यक्त किया गया। इसी अवधि में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत रहेगा जबकि इसका बजट अनुमान 6.8 प्रतिशत था। अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा के जीडीपी की तुलना में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

अगले वित्त वर्ष में कुल व्यय 39.45 लाख करोड़ रुपये का अनुमान जताया गया है जिसमें कुल प्राप्तियां 22.84 लाख करोड़ रुपये होगा। शेष उधारी या विनिवेश से जुटाये जायेंगें। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो दुनिया की समस्‍त बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं में सर्वाधिक है।

देश की अर्थव्‍यवस्‍था महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से उभरकर जिस तरह से समग्र रूप से बड़ी तेजी के साथ रिकवर कर रही है वह हमारे देश की दमदार मजबूती को दर्शाती है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ‘आजादी का अमृत महोत्‍सव’ मना रहा है और इसके साथ ही हमारा देश अब ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर गया है जो भारत की आजादी के 100 वर्ष तक पहुंचने में 25 वर्षों की लंबी अवधि को दर्शाता है।

सरकार ने स्‍वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री द्वारा उल्‍लेख किए गए विजन को साकार करने का लक्ष्‍य रखा है। वृहद-अर्थव्‍यवस्‍था स्‍तर के विकास पर फोकस करने के साथ-साथ सूक्ष्‍म-अर्थव्यवस्‍था स्‍तर के समावेशी कल्‍याण पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था एवं फिनटेक, प्रौद्योगिकी आधारित विकास, ऊर्जा संबंधी बदलाव, और जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देना, निजी निवेश से शुरू होने वाले लाभप्रद आर्थिक चक्र पर भरोसा करना और इसके साथ ही सार्वजनिक पूंजीगत निवेश के बल पर निजी निवेश जुटाने में मदद मिलने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से ही सरकार देश के नागरिकों, विशेषकर गरीबों एवं हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्‍त बनाने पर अपना ध्‍यान केन्द्रित करती रही है और इसके साथ ही लोगों को आवास, बिजली, रसोई गैस मुहैया कराने तथा जल तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं।

सरकार ने वित्तीय समावेश एवं प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण सुनिश्चित करने के लिए अनेक कार्यक्रम शुरू किए हैं और इसके साथ ही सरकार ने समस्‍त अवसरों का उपयोग करने में गरीबों की क्षमता बढ़ाने के लिए अपनी ठोस प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की है।

वित्त मंत्री ने बताया कि ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ विजन को साकार करने के लिए 14 सेक्‍टरों में दिए जा रहे उत्‍पादकता आधारित प्रोत्‍साहन पर व्‍यापक अनुकूल प्रतिक्रिया हुई है जिनमें 60 लाख नए रोजगारों को सृजित करने के साथ-साथ अगले पांच वर्षों के दौरान 30 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त उत्‍पादन करने की क्षमता बनेगी।

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