नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने आज कहा कि अगले साल मार्च तक कोरोना वैक्सीन तैयार हो सकती है और अगर लोगों को इसके सुरक्षा पहलू को लेकर आशंका है, तो वह खुशी-खुशी खुद वैक्सीन का पहला डोज लेने को तैयार हैं।
डॉ़ हर्षवर्धन ने ‘संडे संवाद’ के नाम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक नया कार्यक्रम शुरु किया है, जहां वह लोगों के सवालों का जवाब देते हैं। इस कार्यक्रम की शुरुआत गत रविवार को होनी थी लेकिन उनकी माताजी के निधन के कारण यह संवाद आज से शुरु हुआ। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान कोरोना वायरस कोविड-19 के प्रबंधन और कोरोना वैक्सीन से संबंधित कईं सवालों के जवाब दिये।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन के लांच की अभी कोई तिथि तय नहीं की गई लेकिन यह अगले साल की पहली तिमाही में तैयार हो सकता है। सरकार वैक्सीन के मानव परीक्षण के लिए सभी सावधानियां बरत रही है और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में कोविड-19 के वैक्सीन के बारे में राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है।
यह विशेषज्ञ समूह यह तय करेगा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा सके। इसके अलावा वैक्सीन सुरक्षा, इसकी कीमत, कोल्ड-चेन आवश्यकता, विनिर्माण के मुद्दों पर भी सघन चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं कि पहले वैक्सीन उन्हें दी जाएगी, जिन्हें इनकी बहुत जरूरत हो, भले ही उनकी भुगतान क्षमता हो या नहीं।
केन्द्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार कोविड-19 के वैक्सीन के आपात अधिकार पत्र (ऑथोराइजेशन) पर विचार कर रही है। यदि इस पर सहमति होती है तो इस पर आगे काम किया जाएगा, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और अधिक जोखिम वाले स्थानों पर काम करने वाले लोगों के लिए। यह कार्य आम सहमति होने के बाद किया जाएगा।
वैक्सीन के सुरक्षा पहलुओं से जुड़ी आशंकाओं को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन के बारे में यदि किसी को आशंका है तो मैं वैक्सीन का पहला डोज खुद ही खुशी से लेने को तैयार हूं।