जोधपुर/जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को इंदावटी में प्रस्तावित गोतावर बांध और नारवा इंद्ररोका में प्रस्तावित बांध की साइट विजिट की। गोतावर बांध की ऊंचाई 20 मीटर होगी और इससे 40-50 किलोमीटर क्षेत्र के भूजल स्तर में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। शेखावत ने दोनों बांध की नई डीपीआर बनाने के निर्देश भी दिए हैं।
शेखावत ने कहा कि इंदावटी क्षेत्र के बस्तवा में लंबे समय से मांग थी कि यहां एक बड़ा बांध बने, जिससे पानी रुक सके और आसपास की जमीन का भूजल रिचार्ज हो जाए। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एक पीएसयू ने यहां का सर्वे कर प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई है। आज मैंने मौके पर पीएसयू अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। पूरे क्षेत्र को देखने और हाइड्रोलिक स्कोप को देखने के बाद अधिकारियों ने कहा कि बांध की ऊंचाई को 20 मीटर तक बढ़ाया जाना चाहिए।
शेखावत ने ग्रामीणों के साथ नारवा इंद्ररोका प्रस्तावित बांध परियोजना को लेकर विस्तार से चर्चा की। इसकी सर्वे रिपोर्ट बन गई है। उन्होंने बांध के कैचमेट एरिया का निरीक्षण किया। ग्रामीणों ने बताया कि बांध से आसपास के 15-20 गांवों को लाभ होगा और पानी की समस्या से निजात मिल सकेगी। शेखावत बालरवा में नाथजी का मंदिर स्थित पहाड़ियों पर ग्रामीणों के साथ पहुंचे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जोधपुर जिले के सभी ब्लॉक्स में एनीकट और बांध बनाने की साइट्स को चिह्नित किया जा रहा है। इससे एक तो पानी बहने के कारण खेतों को जो नुकसान होता है, वो बचेगा। पानी रुकेगा तो सिंचाई के काम आएगा।
उन्होंने कहा कि ये पूरा क्षेत्र भूगर्भ पर निर्भर करता है। ट्यूबवेल्स का पानी लगातार नीचे जा रहा है। पानी रुकने से इस पूरे क्षेत्र में ग्राउंड वाटर रिचार्ज होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का तो संकल्प है कि एक बूंद पानी भी व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।