जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को डॉ. ओमेन्द्र रतनू की पुस्तक महाराणा का वर्चुअल कार्यक्रम में विमोचन किया।
शेखावत ने कहा कि मुगलकाल से लेकर ब्रिटिशकाल के बाद और आज तक वामपंथी इतिहासकारों ने हमें हमारे पूर्वजों के गौरवपूर्ण इतिहास से दूर रखने का काम किया। यह पुस्तक देश के झूठ परोसने वाले वामपंथी इतिहासरों पर तमाचा है और देश में एक नई चर्चा का सूत्रपात अवश्य करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप के गौरवपूर्ण इतिहास को वामपंथी इतिहासकारों ने खंडित किया और उसे एक जाति विशेष तक सीमित रखने का प्रयास किया, लेकिन महाराणा प्रताप का शौर्य और प्रेरक इतिहास तत्कालीन समय के अखण्ड भारत के एक व्यक्ति से जुड़ा हुआ था। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद मैंने जाना की इस पुस्तक में वर्णित राजस्थान के वीरों का इतिहास आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को बढ़ाएगा।
डॉ. ओमेन्द्र रतनु बताया कि मैंने महाराणा पुस्तक को लिखने से पहले 4 साल तक सिसोदिया वंश और महाराणाओं के जीवन का गहन अध्ययन किया। पूरे मेवाड़ में घूम-घूमकर युद्धस्थलों, महाराणाओं के जीवन से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों, किले और महलों में जाकर तथ्य जुटाए। यह पुस्तक महाराणाओं के जीवन के कई ऐसे अनकहे पहलू समाज के सामने रखेगी, जो पूर्व इतिहासकारों द्वारा महाराणा प्रताप और सिसोदिया वंश के बारे में कहे गए कई झूठों से पर्दा उठाएगी। डॉ. रतनु ने कहा कि पुस्तक से होने वाली आय का एक हिस्सा समाजहित के कार्यों में खर्च किया जाएगा।
पूर्व आईएएस व जयपुर डायलॉग के संस्थापक संजय दीक्षित, ख्यातनाम इतिहासकार नारायण लाल उपाध्याय तथा रमणीक मान सिंह ने भी कार्यक्रम में मेवाड़ के इतिहास और महाराणा प्रताप के जीवन के विषय में अपने विचार साझा किए। वर्चुअल कार्यक्रम में दिल्ली भाजपा के नेता कपिल मिश्रा, प्रभात प्रकाशन के प्रभात और समाजसेवी निमितेकम संस्था के अध्यक्ष जय आहूजा भी उपस्थित रहे।