नई दिल्ली। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बाढ़ और सूखे का स्थाई समाधान नदियों को लिंक करके निकाला जा सकता है। बशर्ते सभी राज्य इस दिशा में अपनी सहमति प्रदान करें।
गुरुवार को लोकसभा में नदियों को लिंक करने की परियोजनाओं पर चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश के सतना से सांसद गणेश सिंह ने प्रश्न किया था कि नदियों को लिंक करने की 14 परियोजनाओं में से दो मध्य प्रदेश में हैं। केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से जुड़ी हुई है।
इन दोनों परियोजनाओं का काम कब से शुरू होगा और इस पर कितनी धनराशि खर्च होगी? प्रश्न का उत्तर देते हुए शेखावत ने कहा कि सदस्य का धन्यवाद, जिन्होंने इतने गंभीर विषय पर प्रश्न किया। नदी के लिंक को चिह्नित करना, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाना और फिर संवैधानिक स्वीकृति जैसे वाइल्ड लाइफ, फोरेस्ट आदि से ली जाती है।
पानी चूंकि राज्यों का विषय है। इसलिए राज्यों की स्वीकृति के बिना एक कदम भी नहीं बढ़ाया जा सकता। जिन दो लिंक्स का सदस्य ने जिक्र किया है, वो नदियां मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पड़ती हैं। अभी जल बंटवारे को लेकर इन राज्यों में सहमति नहीं बनी है। जैसे ही सहमति बनेगी, हम निश्चित रूप से काम शुरू करा देंगे।
देश के 18% भू-भाग में बाढ़, 13% में सूखा हर साल
शेखावत ने जानकारी दी कि देश के 18 प्रतिशत भू-भाग में हर साल बाढ़ आती है और 13 प्रतिशत भू-भाग में सूखा पड़ता है। स्थाई समाधान नदियों को लिंक करके प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वो अपने-अपने राज्यों में सरकारों से आग्रह करें और हम सब खुले दिल से साथ बैठकर बात करें तो समाधान निकल आएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि यह विषय गंभीर है। सदस्य लिखकर दें तो इस विषय पर आधा घंटा की चर्चा कराई जा सकती है।
अटल सरकार ने शुरू की थी परियोजना
नदियों को आपस में लिंक करने की परियोजना अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान शुरू हुई थी, लेकिन यूपीए सरकार के दस सालों के दौरान इस पर कोई काम नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस परियोजना पर पुनः काम शुरू किया है। इसका जिम्मा राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण को सौंपा है। प्राधिकरण की मॉनिटरिंग का जिम्मा केंद्रीय जल संसाधन मंत्री को सौंपा गया है।
16.34 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास शौचालय
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि देश में 16.34 करोड़ ग्रामीण परिवारों को शौचालय सुविधा उपलब्ध है। लोकसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान विंसेंट एच पाला के प्रश्न के उत्तर में जलशक्ति मंत्री ने बताया कि शौचालय सुविधा प्राप्त करने वाले सर्वाधिक 2.84 करोड़ ग्रामीण परिवार उत्तर प्रदेश में हैं। इसके बाद बिहार में 1.37 करोड़ और पश्चिम बंगाल में 1.37 करोड़ परिवार शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि पेयजल और स्वच्छता विभाग ने कोई सर्वव्यापी स्वच्छता कवरेज सर्वेक्षण प्रकाशित नहीं किया है। हालांकि, खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) स्थिति का स्थायित्व और कोई भी परिवार का छूट न जाना सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को यह पता लगाने की सलाह दी है।