अजमेर/नई दिल्ली। केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अजमेर स्मार्ट सिटी मिशन में कराए जा रहे कार्यो में व्याप्त अनियमितता व उनके उपयोगिता व गुणवत्ता की केन्द्र द्वारा जांच के आदेश दिए। केन्द्रीय श्रम, वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव एवं सांसद भागीरथ चौधरी ने इस बाबत पुरी से की मुलाकात कर स्मार्ट सिटी के कार्यों में हो रही, अनियमितता, गुणवत्ता तथा धांधली से अवगत कराया तथा समिति गठित कर जांच कराए जाने की मांग उठाई।
केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव एवं सासंद चौधरी ने पुरी को अवगत कराया कि अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी, अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल, भारतीय जनता पार्टी शहर जिला अजमेर, नगर निगम अजमेर महापौर एवं उपमहापौर ने स्मार्ट सिटी में व्यापक अनियमितता, बिना सहमति एवं अनियमित रूप से निर्माण कार्यो के संबंध में कलक्टर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड अजमेर को दिए गए ज्ञापन पर कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई।
केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन में प्रशासन द्वारा अपनी मनमर्जी से पूर्व में स्वीकृत कार्यों को निरस्त कर कई ऐसे कार्य स्वीकृत कर दिए गए जो स्मार्ट सिटी मिशन के मूल उदृेष्यों के अनुरूप नहीं है।
सांसद चौधरी ने मंत्री पुरी को बताया कि अजमेर में हाल ही में लगातार 2 दिन हुई बारिश से आनासागर की जो भराव क्षमता थी उसको कम करने के कारण से शहर में विभिन्न जगह जल भराव एवं निचली बस्तियों में पानी भर जाने के कारण शहर में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे जो कि आने वाले समय में और भी बिगड़ सकते हैं।
यादव एंव चौधरी ने केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ स्मार्ट सिटी मिषन के निम्न बिन्दुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की।
1.अजमेर की ऐतिहासिक आनासागर झील जो कि अजमेर का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जिसके चारो और पाथवे बनाकर झील का सौन्दर्यकरण किया जा रहा है लेकिन पाथवे बनाने में झील में अवैध रूप से मिट्टी भरकर इसके व्यास को छोटा किया जा रहा है जो कि झील के संरक्षण एवं संवर्द्वन के विपरीत है एवं माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णित अब्दुल रहमान अध्े राज्य सरकार की मंशा के विपरीत है एवं इसके भराव क्षमता को कम करने से शहर में जल भराव की समस्या पैदा हो जाएगी तथा निर्माण किए जा रहे पाथवे में एफटीएल के मानको एवं वैटलैण्ड की स्थिति का भी उल्लंघन किया जा रहा है। आनासागर के मूल भराव क्षेत्र को छोटा कर दिया गया है।
इस प्रकार आनासागर झील के चारों ओर भूमाफियाओं द्वारा अवैध रूप से करोडों की जमीनों पर कब्जा कर गैर-कानूनी ढंग से व्यवसायिक/आवासीय निर्माण कर झील के स्वरूप को भी बदला जा रहा है।
चौपाटी निर्माण के दौरान कही भी पाथवे में वॉटर टनल नहीं छोडी जा रही है जिससे बरसात का पानी आनासागर पहुंचने में बाधा आएगी। इसमें वेटलेण्ड का भी प्रावधान रखा गया था जो चौपाटी के चारों ओर था। जिससे अवैध निर्माणों व कब्जों को रोका जा सकता था परन्तु भूमाफियाओं को लाभ पंहुचाने की मंशा से यह नहीं किया जा रहा है।
आनासागर झील में एफटीएल के मार्क एवं डूब क्षेत्र को ध्यान मेे नहीं रखकर सेवन वन्डर्स का निर्माण किया जा रहा है जबकि झील के पेटे में किसी भी प्रकार का निर्माण किया जाना नियम के विरूद्ध है एवं इस निर्माण हेतु बहुत से क्षेत्र में भराई की जा रही है। अतः इसके निर्माण को रूकवा कर अन्यत्र बनाया जाएं एवं डूब क्षेत्र में भराई गई मिट्टी को हटाकर झील की डी-सिलटिंग करवाकर संरक्षण एवं संवर्द्धन किया जाए। अतः इस पाथवे के निर्माण को रोक कर वस्तु स्थिति के आधार पर निर्माण किया जाए।
2.स्मार्ट सिटी में शहर के लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना मूलभूत प्राथमिकता थी। जिसमें 24 धण्टे में प्रत्येक घर को पानी उपलब्ध कराना, शहर के ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करना सीवरेज सिस्टम को सही करना तथा अच्छी सडकें उपलब्ध कराना था। लेकिन प्राथमिकता में यह न होकर सरकारी स्तर में सुविधा देने वाली योजनाएं बनी है जोकि स्मार्ट सिटी की मूल अवधारणा को क्षति पंहुचाता है।
आज अजमेर की जनता के 48 से 96 घण्टे में कम दबाव से पानी मिल रहा है जनता प्यास से तडप रही है। सडकें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं जहां आदमी का पैदल चलना दूभर हो रहा है पेयजल की वितरण प्रणाली को सुदृढ़ व विकसित करने के लिए आवश्यक कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में लिए जाए व ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करने में कदम उठाए जाएं।
3.स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मे चल रहे कार्य में विभिन्न स्थानो पर घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग लगातार किया जा रहा है जिसके कारण निर्माण की गुणवत्ता पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है । ऐसा कही न कही निर्माण ठेकेदारो को फायदा पहुचाने की नीयत से किया जा रहा है जिसका उदाहरण जेएलएन के मेडिसन ब्लॉक एवं सूचना केन्द्र स्थित निर्माणाधीन ओपन एयर
थियेटर, सेवन वन्डर्स तथा पाथवे जहां बजरी की जगह क्रेशर डस्ट तथा घटिया सरिया काम में लिया जा रहा है। उस कारण से सारे निर्माण घटिया किस्म के हो रहे हैं एवं स्मार्ट सिटी राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है।
4.केन्द्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के चलने वाले प्रोजेक्टस में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी सुनिष्चित की गई है। परन्तु खेद का विषय है कि इस अजमेर में इसकी मूल भावना के वितरीत जनप्रतिनिधियों को कही भी शामिल नहीं किया जाता है न ही उनकी राय ली जा रही है। अतः निवेदन है कि स्मार्ट सिटी के कामों में कार्य के जानकारी जिले के सांसद, विधायक, महापौर, उपमहापौर व प्रबुद्ध वर्ग की समिति बनाकर कार्य योजना बनाए ताकि कार्य द्रुतगति, जनभावनाओं एवं पारदर्शिता से हो सके।
केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी नेे स्मार्ट सिटी मिशन अजमेर (राजस्थान) में प्रशासन द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यो की उपयोगिता एवं गुणवत्ता की जांच कराने के आदेश प्रदान किए साथ ही कहा कि अजमेर स्मार्ट सिटी के कार्यो पर केन्द्र द्वारा निगरानी रखी जाएगी।