नई दिल्ली। जेपी आंदोलन के अग्रणी नेताओं में शुमार और केन्द्रीय खाद्य आपूर्ति एंव उपभोक्ता मामलाें के मंत्री रामविलास पासवान का आज रात यहां निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे और कुछ दिनों से राजधानी के एस्कार्ट अस्पताल में भर्ती थे।
उनके पुत्र चिराग पासवान ने ट्वीट कर जानकारी दी। चिराग ने लिखा, पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। मिस यू पापा…।
पासवान का हाल में दिल का आपरेशन हुआ था और इससे पहले उनका कईं बीमारियों का विदेशों से उपचार चल रहा था। पासवान 1969 में युवावस्था में ही बिहार विधानसभा के लिए चुन लिए गए थे और राजनीति में आने से पहले उनका बिहार पुलिस सेवा में उपाधीक्षक पद पर चयन भी हो गया था। लेकिन पुलिस की नाैकरी के बजाय उन्होंने जनता की सेवा के लिए राजनीति को ही चुना।
पासवान ने केन्द्र में रेल, इस्पात, कोयला, दूरसंचार तथा खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली थी। वर्ष 2014 में वह केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार में खाद्य एवं उपभाेक्ता मामलों के मंत्री बनाए गए थे और तब से वह लगातार इस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
पासवान ने बिहार में चुनावी गठबंधन को नया रूप दिया था और वह लाेकनायक जयप्रकाश नारायण के साथ ही जननायक कर्पूरी ठाकुर तथा अन्य नेताओं के साथ कामकाज करने में सफल रहे थे।
पासवान ने बिहार के हाजीपुर(सुरक्षित) लोकसभा क्षेत्र का बरसों तक प्रतिनिधित्व किया था और यहां से वह भारी मतों से जीते थे जो अपने आप में एक रिकार्ड है। इसके अलावा उन्होंने राज्य के रोसरा क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व किया था। पासवान के एक भाई रामचन्द्र पासवान का निधन हो चुका है और वह भी राजनीति में काफी सक्रिय थे । उनके एक भाई भी राजनीति में सक्रिय है।
पासवान के पुत्र चिराग पासवान लोक जनशाक्ति पार्टी(लोजपा) के अध्यक्ष हैं और इन दिनों वह बिहार विधानसभा चुनाव की कमान संभाले हुए हैं।
रामविलास पासवान के निधन पर नीतीश ने जताया शोक
केंद्रीय खाद्य, उपभोक्ता और सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज गहरी शोक-संवेदना व्यक्त की।
कुमार ने गुरुवार को यहां अपने शोक संदेश में कहा कि पासवान भारतीय राजनीति के बड़े हस्ताक्षर थे। वे प्रखर वक्ता, लोकप्रिय राजनेता, कुशल प्रशासक, मजबूत संगठनकर्ता एवं बेहद मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे।
वे पहली बार वर्ष 1969 में बिहार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे। वह 1977 में पहली बार हाजीपुर से लोकसभा के लिए चुने गए थे और उनकी यह जीत विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज हुई थी।
मुख्यमंत्री ने श्री पासवान से अपने आत्मीय संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि उनसे हमारा बहुत पुराना रिश्ता था। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुख पहुंचा है। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।
कुमार ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।