सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिले के पांच में से चार निकायों में चुनाव हैं। चारों ही जगह 2014 में भाजपा का बोर्ड बना था। इस बार पिण्डवाड़ा को छोडक़र शेष सभी जगह भाजपा को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। अन्य स्थानों मे जहां शराब और पैसे के वितरण की सूचनाएं आ रही हैं तो पिण्डवाड़ा में घर-घर मिठाई के डिब्बे और दूध-जलेबी की दावत की भी सूचना है।
शिवगंज में भाजपा के स्थानीय नेतृत्व ने कांग्रेस को अंतरकलह से टक्कर में ला दिया है। भ्रष्टाचार के आरोपों में पालिकाध्यक्ष के निलम्बन के बाद स्थानीय विधायक और कांग्रेस ने इसे भी मुद्दा बना लिया है। वहीं भाजपा के कई पूर्व पार्षदों के टिकिट काटने से उसका नुकसान भी देखने को मिल रहा है। फिलहाल भाजपा ने कमजोर सांगठनिक स्थिति के कारण कांग्रेस को टक्कर में ला खड़ा कर दिया है।
माउण्ट आबू में किसका पलड़ा भारी है और किसका कमजोर। यह जानने के लिए लोगो की नसें टटोलने की बजाय वहां के पावर ब्रोकर्स के हाथ में डले हाथ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां के बोर्ड पर कौन काबिज होगा। फिलहाल गलबहियां ये बता रही है कि भाजपा को यहां भी अपना बोर्ड बनाने में मशक्कत करनी पड़ेगी।
पिण्डवाड़ा में सबसे ज्यादा बदहाल स्थिति कांग्रेस की बताई जा रही है। भाजपा भी अंतर्कलह की जबरदस्त शिकार है। कांग्रेस और भाजपा दोनों की इस स्थिति की जवाबदेह वहां वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे कद्दावर नेता हैं। भाजपा में सबसे ज्यादा निर्दलीय बागी खड़े हुए हैं। ऐसे में यहां भी निर्दलीयों की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है। देखना यह है कि पिण्डवाड़ा भाजपा की इस कलह को सीमेंट का जोड़ जोड़ पाता है या नहीं। फिलहाल आज वहां मतदाताओ के घर-घर मिठाई के पैकेट बंटे हैं तो गुरुवार को दूध-जलेबी की फले-चूंदड़ी भी हुई।
सिरोही में कांग्रेस और भाजपा दोनों के आंतरिक सर्वे करवा लिए गए हैं। दोनों में भाजपा के पुराना परिणाम दोहराने के लिए मशक्कत किए जाने के संकेत मिल रहे हैं। निर्दलीयों को चुनाव प्रचार के जहां सिर्फ पांच दिन मिले वहीं इनका रुख भांपने के लिए दोनों पार्टियों के पास सिर्फ 12 घंटे शेष रहे हैं।