नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देशवासियों से कहा कि विषम परिस्थितियों में भी उल्लास और हौसले के साथ आगे बढते हुए सभी को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के खूबसूरत रंगों से देश की एकता को मजबूत बनाना है।
मोदी ने आज यहां अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देशवासियों से मुखातिब होते हुए कहा कि समूचा देश 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाएगा। सरदार पटेल उन विरले लोगों में थे जिनके व्यक्तित्व में एक साथ कई सारे तत्व मौजूद थे जैसे, वैचारिक गहराई, नैतिक साहस, राजनैतिक विलक्षणता, कृषि क्षेत्र का गहरा ज्ञान और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण भाव।
सरदार साहब की एक और खूबी थी वे विषम परिस्थितियों में भी उल्लास तथा उत्साह से भरे रहते थे। उन्होंने कहा कि जरा उस लौह-पुरुष की छवि की कल्पना कीजिये जो राजे-रजवाड़ों से बात कर रहे थे, पूज्य बापू के जन-आंदोलन का प्रबंधन कर रहे थे, साथ ही, अंग्रेजों से लड़ाई भी लड़ रहे थे, और इन सब के बीच भी, उनका ‘सेंस ऑफ ह्यूमर’ पूरे रंग में होता था।
इसमें, हमारे लिए भी एक सीख है, परिस्थितियां कितनी भी विषम क्योँ न हो, अपने ‘सेंस ऑफ ह्यूमर’ को जिंदा रखिये, यह हमें सहज तो रखेगा ही, हम अपनी समस्या का समाधान भी निकाल पायेंगे । सरदार साहब ने यही तो किया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमें अपनी वाणी, अपने व्यवहार, अपने कर्म से हर पल उन सब चीजों को आगे बढ़ाना है जो हमें ‘एक’ करे, जो देश के एक भाग में रहने वाले नागरिक के मन में, दूसरे कोने में रहने वाले नागरिक के लिए सहजता और अपनत्व का भाव पैदा कर सके। हमारे पूर्वजों ने सदियों से ये प्रयास निरंतर किए हैं।
देश की एकता को अखंड रखने के लिए अनेक महान विभूतियों के योगदान का उल्लेख करने के बाद उन्होंने कहा कि ऐसी ताकतें भी मौजूद रही हैं जो निरंतर हमारे मन में संदेह का बीज बोने की कोशिश करते रहते हैं, देश को बाँटने का प्रयास करते हैं। देश ने भी हर बार, इन बद-इरादों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। हमें निरंतर अपनी रचनात्मकता, अपने छोटे से छोटे कामों में, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के खूबसूरत रंगों को सामने लाना है,एकता के नए रंग भरने हैं।
उन्होंने कहा कि इस काम में सभी नागरिकों को सहयोग देना है। इस संदर्भ में उन्होंने ‘एक भारत डॉट गव डॉट इन’ वेबसाइट पर जाने का आग्रह किया और राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने के लिए वहां किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि इस वेबसाइट पर हर रोज एक वाक्य को अलग-अलग भाषाओँ में कैसे बोलते हैं, यह सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आप इसमें योगदान दें जैसे, हर राज्य और संस्कृति में अलग-अलग खान-पान होता है। यह व्यंजन स्थानीय स्तर के ख़ास अनाज और मसालों से बनाए जाते हैं।इसको शेयर करें। एकता और प्रतिरक्षा बढाने के लिए इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि देश ने 31 अक्टूबर को ही उन्हें खोया था। उन्होंने इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी।