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Unknown persons exploiting Tourist By the name of traffice rule on the way to Mount abu - Sabguru News
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माउण्ट आबू रोड पर पर्यटकों के शोषण का ये कैसा गोरखधंधा?

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माउण्ट आबू रोड पर पर्यटकों के शोषण का ये कैसा गोरखधंधा?
माउण्ट आबू में पर्यटक वाहनों को रोककर लगाई जा रही रेडीयम स्टीकर पट्टी।
माउण्ट आबू में पर्यटक वाहनों को रोककर लगाई जा रही रेडीयम स्टीकर पट्टी।
माउण्ट आबू में पर्यटक वाहनों को रोककर लगाई जा रही रेडीयम स्टीकर पट्टी।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। सड़क सुरक्षा सप्ताह जबसे शुरू हुआ, उसके बाद से माउण्ट आबू के रास्तों पर पर्यटकों से लूट का एक नया धंधा शुरू हुआ है।

सुनसान किनारों इलाकों में एक टवेरा में बैठे लोग अन्य राज्यों से आए पर्यटक वाहनों को रोककर ट्राफिक रूल के नाम पर रेडियम पट्ट लगा रहे हैं। और बीस रुपये की इस रेडियम पट्टी के सौ रुपये वसूल रहे हैं।
-किसी ने नहीं किया अधिकृत
माउण्ट आबू के पुलिस उप अधीक्षक प्रवीण सेन ने सबगुरु न्यूज को बताया कि पुलिस विभाग ने किसी भी संस्थान को रास्ते में पर्यटकों को रोककर रेडियम स्टीकर लगाने के लिए अधिकृत नहीं किया है। यह क्षेत्र आबूरोड डीटीओ कार्यालय के अधीन आता है। वहां से जानकारी जुटाने पर भी यह सामने आया कि उन्होंने भी इसके लिए किसी को अधिकृत नहीं किया है।

इसके बावजूद एक सफेद जीप में सवार चार-पांच लोग नियमित रूप से आबूरोड से माउण्ट आबू और माउण्ट आबू से गुरु शिखर जाने वाले मार्ग पर पर्यटक वाहनों को रोककर उन पर मोटर वाहन अधिनियम का हवाला देते हुए उनकी गाडिय़ों पर रेडियम पट्टी लगा दे रहे हैं और 100 रुपये वसूल ले रहे हैं।
माउण्ट आबू में बाहरी राज्य के पर्यटकों की आवाजाही और उनके यहां के नियमों से अनजान होने से आसानी से यह गोरखधंधा चलाया जा रहा है। जो रेडियम पट्टी वाहनों केआगे पीछे लगाई जा रही है, उसकी कीमत सिरोही जिले के ही पोसिस दुकानों पर मात्र 30 से 40 रुपये फीट है। इसके ये लोग सौ रुपये वसूल रहे हैं। इसके बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

माउण्ट आबू में रेडियम स्टीकर लगाने के लिए वसूली गई राशि की रसीद।
माउण्ट आबू में रेडियम स्टीकर लगाने के लिए वसूली गई राशि की रसीद।

-प्रावधान है पर जबरदस्ती नहीं
वैसे मोटर व्हीकल एक्ट में इस बात का प्रावधान है। इसके लिए वाहनों की लम्बाई के अनुसार ट्रोलर से लेकर मोटरसाइकिल तक आगे और पीछे रेडियम स्टीकर लगाने का प्रावधान है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान तो सिरोही डीटीओ कार्यालय द्वारा ‘नो स्टीकर नो एंट्रीÓ स्लोगन भी चलाया गया था। लेकिन, किसी से इस तरह की जबरदस्ती नहीं की गई थी। डीटीओ कार्यालय ने वाहनों पर निशुल्क ही रेडियम स्टीकर लगाए थे।

छह मीटर से बड़े वाहनों पर कुल क्षेत्रफल 28.5 वर्ग सेंटीमीटर से कम नहीं हो सकता और उससे कम लम्बाई के वाहनों पर 7 वर्गसेंटीमीटर के रेडियम स्टीकर लगाने हैं। मोटरसाइकिल पर पीछे की तरफ सात वर्ग सेंटीमीटर का लाल रंग का रेडियम स्टीकर लगाने का प्रावधान है। 29 वर्ग सेंटीमीटर यानि करीब एक फीट। इस क्षेत्रफल की रेडियम पट्टी की दर है 30 से 40 रुपये।

माउण्ट आबू में कारों पर यह लगाया जा रहा है। इनकी लम्बाई छह मीटर से कम है। ऐसे में 7 वर्गसेंटीमीटर की लम्बाई की पट्टी आगे पीछे लगानी है। जिसकी एक कार पर बाजार दर आती है साढे सात से दस रुपये की। माउण्ट आबू में पर्यटक वाहनों को जबरन रोककर इसके ही सौ रुपये वसूले जा रहे हैं। इनके साथ कई बार खाकी वर्दी पहने व्यक्ति भी वाहन के पास खड़े हो जाते है, जिससे पर्यटकों को पुलिस द्वारा चलाया अभियान प्रतीत होता है।
-इनका कहना है…
माउण्ट आबू पुलिस ने इस काम के लिए किसी को अधिकृत नहीं किया है। पिछले पखवाड़े छीपाबेरी के पास कुछ निजी संस्थान के लोग स्टीकर लगा रहे थे, उन्हें मना करके वहां से हटाया गया था। फिर कहीं शुरू किया है तो दिखवाता हूं।
प्रवीण सेन
डीएसपी, माउण्ट आबू।