अज़मेर। विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन की दरगाह शरीफ के खादिम दरगाह शरीफ खोलने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी क्रम में दरगाह के गेट नंबर 4 पर खादिम समुदाय द्वारा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया।
खादिम मोबिन चिश्ती ने बताया कि राज्य सरकार की जो गाइडलाइन है उसके अनुसार दरगाह खुलने का समय सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा, जबकि पूरे भारत और विश्व में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह अकीदतमदों के लिए खास महत्व रखती है।
राज्य सरकार ने दरगाह खुलने की अनुमति तो दे दी लेकिन दरगाह में पेश होने वाले मखमली चादर फूलों के ऊपर पाबंदी लगा रखी है जिससे फूलों और चादर के व्यापारियों के साथ-साथ खादिम समुदाय में भी रोष है। खादिमों ने जिला प्रशासन से यह मांग है दरगाह शरीफ का समय बढ़ाया जाए दूसरा फूल चादर पर से रोक हटाई जाए।
खादिमों की संस्था अंजुमन एवं दरगाह दीवान के प्रतिनिधि ने सरकार के फैसले पर रोष व्यक्त करते हुए गाइडलाइन पर पुनर्विचार की मांग की है और कहा कि दरगाह खोल रहे हैं तो पूरी तरह खोले। अकीदतमंद आएगा और मजार शरीफ पर फूल चादर पेश नहीं करेगा तो उसकी दुआ एवं धार्मिक यात्रा पूरी नहीं होगी।
अंजुमन सचिव वाहिद हुसैन अंगारा ने दरगाह खोलने और चादर एवं फूल ले जाने पर रोक को बेमानी करार देते हुए कहा कि दरगाह दुकानों के खोले जाने के समय तक खोली जानी चाहिए तथा दरगाह शरीफ में चादर एवं फूल ले जाने तथा उसे चढ़ाने की अनुमति मिलनी चाहिए। दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन के प्रतिनिधि सैयद नसीरुद्दीन ने भी इसे आस्था का सवाल बताते हुए अनुमति की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार रात अनलॉक-3 की गाइडलाइन जारी होने के बाद देर रात अजमेर में खादिम समुदाय की एक आपात बैठक आयोजित हुई, जहां सभी ने एक स्वर में यह कहा कि दरगाह खोली है तो फूल एवं चादर की अनुमति दी जानी चाहिए।