उन्नाव। उत्तर प्रदेश में उन्नाव के बिहार क्षेत्र में रविवार को कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच बलात्कार पीड़िता के शव को भू समाधि दे दी गई।
इस मौके पर योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरूण के अलावा मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम समेत जिला और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग पर अड़े पीड़िता के परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था लेकिन बाद में मंडलायुक्त के समझाने मनाने पर वे राजी हो गए।
पीड़िता के शव को गांव के बाहर उसके पुश्तैनी खेत में दादा, दादी की समाधि के बगल में दफनाया गया। इस दौरान बड़ी तादाद में पुलिस बल और कुछ ग्रामीण मौजूद थे। बाद में अंत्येष्टि स्थल पर योगी सरकार के दो मंत्रियों ने भी अपनी उपस्थति दर्ज कराई।
गौरतलब है कि जिले में बिहार थाना क्षेत्र के हिंदूनगर भाटन खेड़ा गांव में बलात्कार की पीड़िता को वहशी दरिंदों ने गुरूवार तड़के उस समय आग के हवाले कर दिया था जब वह अपने वकील से मिलने रायबरेली जाने के लिये घर से रेलवे स्टेशन के लिये निकली थी।
पीड़िता को गंभीर हालत में पहले लखनऊ और बाद में एयरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां शुक्रवार देर रात उसने अंतिम सांस ली। पीड़िता का शव शनिवार रात दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा उसके पैतृक स्थान उन्नाव लाया गया था। इस मामले में पुलिस ने सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग पर अड़े व्यथित परिजनो को समझाने बुझाने के लिये अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पीड़िता की बड़ी बहन ने कहा “ मेरी बहन न्याय के लिये लड़ते लड़ते जिंदगी की जंग हार गई।
उसका ये हश्र करने वाले राक्षसों की लंका का भी सर्वनाश होगा। मुख्यमंत्री गांव आकर हमारी बात सुने। हमारे परिवार के सदस्यों काे सरकारी नौकरी दी जाए और सभी आरोपियों की फांसी की सजा मिले। मांगे पूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पीड़िता के चाचा ने कहा कि पुलिस ने न्याय मांगने बिहार थाने गए थे तो पीड़िता के पिता और उन्हें पुलिस ने मारपीट कर भगा दिया। यहां तक कि पीड़िता और उसकी बहन के साथ भी अभद्रता की गई। उन्होने कहा कि स्थानीय पुलिस आरोपी ग्राम प्रधान पति के इशारे पर नाचती थी।
पीडिता का शव शनिवार देर रात दिल्ली से यहां लाया गया था। जिला प्रशासन ने परिजनों की सहमति से अंतिम संस्कार की तैयारी भी शुरू कर दी थी। रात में तहसील और बिहार थाने में रूके जिले के आला अधिकारी सुबह के पांच बजने तक गांव पहुंच गए थे।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया था कि परिजन किसी रिश्तेदार का इंतजार कर रहे हैं। उनके आने के बाद परिजनों की इच्छानुसार पीड़िता के शव को दफनाया जाएगा। जिस स्थान पर शव को दफनाया जाना है वहां पहले से ही पीड़िता के परिजनों की समाधियां बनी हुई है।
अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए सपा के एमएलसी सुनील साजन और जिलाध्यक्ष के साथ पार्टी कार्यकर्ता गांव में रात भर जमे रहे जबकि सुबह से ही ग्रामीणों की भीड़ पीड़िता के दरवाजे पहुंचने लगी थी। अनहोनी से निपटने के लिए गांव में सुबह पुलिस की गारद बढ़ा दी गई थी।पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी चप्पे चप्पे पर नजर बनाए हुए थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने और आरोपियों काे कड़ी सजा दिलाए जाने का वादा किया। उन्होने पीडिता के परिजनो को 25 लाख रूपए की अनुग्रह राशि और प्रधानमंत्री आवास दिलाने का भी एलान किया है।
वहीं दूसरी ओर जिंदा जलाई गई बलात्कार पीड़िता पर भड़के विपक्ष ने शनिवार सुबह से ही सरकार को निशाने पर लिया और राज्य में महिला अपराध पर बढ़ रही घटनाओं की रोकथाम में सरकार को पूरी तरह विफल करार दिया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने तो इस मुद्दे पर सरकार के सामूहिक इस्तीफे की भी मांग कर डाली।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे वहीं दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ आईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्नाव जाकर पीड़िता के परिजनो से मुलाकात की। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो इस मामले को लेकर राज्यपाल आंनदीबेन पटेल से मिली।
उत्तर प्रदेश के लोगों में भी घटना को लेकर आक्रोश साफ दिखाई पड़ा। सोशल मीडिया में अधिकतर लोगों की मांग थी कि बलात्कार और हत्या जैसे संवेदनशील मामलों में सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए ताकि गुनाहगारों को उसके किए की सजा जल्द से जल्द दिलाई जा सके।