नयी दिल्ली | दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ उन्नाव दुष्कर्म मामले में शुक्रवार को आरोप तय किये।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सेंगर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी ( आपराधिक षडयंत्र), 376 (बलात्कार), 363 (अपहरण) ,366 (अपहरण या किसी महिला को विवाह के लिए मजबूर का दबाव बनाना) और बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) के सेक्शन तीन और चार के तहत आरोप तय किये।
अदालत ने सेंगर के साथी शशि सिंह के खिलाफ भी नाबालिग लड़की के अपरहण से संबंधित आरोप तय किये।
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही इस मामले को दिल्ली हस्तांतरित करने के आदेश दिये थे जिसके मद्देनजर यहां की तीस हजारी कोर्ट में इस मामले की दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई हो रही है।
गौरतलब है कि 17 वर्षीय लड़की के साथ चार जून 2017 को सेंगर ने अपने आवास पर दुष्कर्म किया था। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया था जब पीड़िता और उसकी मां ने मुख्यमंत्री आदित्य नाथ के आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की थी। पीड़िता के पिता के खिलाफ तीन अप्रैल 2018 को शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और पुलिस हिरासत में अत्यधिक पिटाई के कारण उसकी मौत हो गयी थी।
पीड़िता, अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ 28 जुलाई को अपने चाचा से मिलने रायबरेली गयी थी जहां से लौटते समय उसकी कार को एक ट्रक से टक्कर मार दी। इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गयी और पीड़िता और उसके वकील घायल हो गये। दोनों को उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद लखनऊ से यहां लाकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत नाजुक है।
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले को दिल्ली स्थानान्तिरत करने के साथ ही इसकी दिन-प्रतिदिन सुनवाई करके 45 दिन में फैसला सुनाने के आदेश दिये हैं।