उन्नाव | से निष्काषित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के तीनों शस्त लाइसेंसों को निरस्त कर दिया गया है।
भाजपा से निष्काषित और सीतापुर जेल में बंद विधायक कुलदीप सेंगर के शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई शुक्रवार को पूरी हो ही गई है। जिला मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार पाण्डेय ने विधायक के तीनों शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। विधायक के पास एक नाली बंदूक, रायफल और रिवाल्वर है। उन्नाव दुष्कर्म पीडि़ता के सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ जिला प्रशासन ने शिकंजा कसा है।
दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या और उसके बाद केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की गिरफ्त में आने के बाद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के सभी शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी के तबादले के बाद प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। पीड़ित पक्ष ने विधायक के शस्त्र लाइसेंस रद करने की मांग की थी।
जिला मजिस्ट्रेट की अदालत ने शुक्रवार को अंतिम सुनवाई कर शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया। गत वर्ष विधायक की गिरफ्तारी के बाद से ही तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने जिलाधिकारी को लाइसेंस निरस्त करने की रिपोर्ट भेजी थी। लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई न्यायिक प्रक्रिया के तहत होती है। मामले की सुनवाई जिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय में चल रही थी।
जिला मजिस्ट्रेट देवेंद्र कुमार पांडेय शनिवार को बताया कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के तीनों शस्त्र लाइसेंस शुक्रवार को निरस्त कर दिये गये है।
गत रविवार को रायबरेली में तेज रफ्तार ट्रक द्वारा कार को टक्कर मार देने से उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता तथा उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गये थे जबकि उसकी चाची तथा एक अन्य रिस्तेदार महिला की माैके पर ही मृत्यु हो गयी थी। महिला आयोग एवं विपक्षी दलों के विरोध किया था जबकि उच्चतम न्यायालय इस मामले का संज्ञान लेने के बाद सभी मामले दिल्ली स्थानान्तरित करने के निर्देश दिये थे।