श्रीनगर। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कुछ दिनों बाद अमरनाथ यात्रा शुरु होने वाली है। सेना ने शनिवार को कहा कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए ज्यादा खतरा बना हुआ है। गौरतलब है कि 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होने जा रही है।
सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा केन्द्रशासित प्रदेश में सुगम तीर्थयात्रा के लिए इस समय और अधिक सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। अधिकारी ने कहा कि इस साल खतरे की आशंका बढ़ गई है। हम आम तौर पर हर साल वार्षिक अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों के बारे में इनपुट मिलते है, लेकिन इस वर्ष इस प्रकार के ज्यादा इनपुट्स मिल रहे हैं। इस साल खतरे की आशंका बढ़ गई है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण दो साल के लंबे अंतराल के बाद इस बार अमरनाथ यात्रा का आयोजन हो रहा है। अधिकारियों को उम्मीद है कि पहले की तुलना में इस वर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या में बड़ी ज्यादा बढ़ोतरी होगी और इस वार्षिक यात्रा में करीब छह से आठ लाख लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष तीन से चार गुना ज्यादा सुरक्षा बलों के जवानों की तैनाती की गई है। अधिकारी ने हालांकि जोर देकर कहा कि वह यह नहीं कह रहे हैं कि उन्होंने सुरक्षा को सौ फीसदी फुलफ्रूफ इंतजाम किए हैं।
जम्मू से बर्फानी बाबा की गुफा तक यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाने के लिए सुरक्षा के त्रिस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। इसमें पुरुषों के अलावा सुरक्षा ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग होंगे।
उल्लेखनीय है कि इस महीने पूरे कश्मीर में 29 आतंकवादियों का सफाया किया गया है। पुलिस ने दावा किया है कि इनमें से दो आतंकवादी वार्षिक अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। एक संदिग्ध आतंकवादी संगठन ने कथित तौर पर इस यात्रा में हमले की धमकी दी है।