लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेेस में इन दिनों एक नया घमासान शुरु हो गया है। इसकी जड़ में चुनाव आयोग के साथ 28 दिसंबर को विभिन्न राजनीतिक दलों की बैठक में शामिल होने के लिए गए उप्र कांग्रेस के नेताओं काे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू द्वारा अधिकृत नहीं होना बताया जाना है।
प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए तीन दिन के दौरे पर आए चुनाव आयोग के प्रतिनिधि मंडल के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस के जो नेता गए उन्हें इस बैठक के लिए अधिकृत ही नहीं किया गया था।
गुरुवार को हास्यास्पद स्थिति तब उत्पन्न हो गई जब लल्लू और विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने चुनाव आयोग को अलग से पत्र लिखकर कोरोना का खतरा बढ़ा रही भाजपा की बड़ी रैलियों पर रोक लगाने की मांग कर दी। कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर बाकायदा संवाददाता सम्मेलन कर अपनी बात आयोग तक पहुंचा दी है।
सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग के साथ बैठक में शामिल होने के लिए गए कांग्रेस नेता ओंकार नाथ सिंह ने इससे आहत होकर पार्टी में अपनी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया है। सूत्राें ने बताया कि सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को अपना इस्तीफा भेजा है। वह प्रदेश नेतृत्व के इस रवैये से आहत बताए गए हैं। सिंह प्रदेश कांग्रेस की मीडिया एवं कम्युनिकेशन कमेटी के सदस्य हैं।
गौरतलब है कि मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा की अध्यक्षता वाले दल के साथ 28 दिसंबर को विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक में कांग्रेस की ओर से ओंकार नाथ सिंह, वीरेन्द्र मदान और मोहम्मद अनस शामिल हुए थे। इसके अगले दिन लल्लू ने चंद्रा को पत्र लिखकर कह दिया कि कांग्रेस का उक्त प्रतिनिधिमंडल इस बैठक में शामिल होने के लिए अधिकृत नहीं था। लल्लू ने आयोग के समक्ष कांग्रेस का पक्ष रखने के लिए चंद्रा से मिलने का समय मांगा। इतना ही नहीं लल्लू ने इस पत्र को ट्वीटर पर भी साझा कर दिया।
इस रवैये से आहत होकर सिंह ने वाड्रा को पार्टी के सदस्य रहते हुए अन्य जिम्मेदारियों से इस्तीफा भेज दिया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वाड्रा ने इस मामले में संज्ञान लिया है या नहीं।