प्रयागराज । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) को 2020 एवं आगे होने वाली हाईस्कूल और इण्टरमीडियेट परीक्षाओं के अंकपत्र में अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी नाम लिखने का निर्देश दिया है।
न्यायालय ने अंग्रेजी के नामों की स्पेलिंग दो तरीके से लिखी होने के कारण यह आदेश दिया। न्यायाधीश अशोक कुमार ने मनीष द्विवेदी की याचिका पर उसके हाईस्कूल और इण्टर के अंकपत्रों के नाम दुरुस्त करने का भी निर्देश दिया है और कहा कि जरूरी होने पर नियमों में संशोधन किया जाय।
याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता राहुल मालवीय ने सरकार का पक्ष रखा। हिंदी में सुनाए गये फैसले में न्यायालय ने कहा कि भारतीय संविधान में राजभाषा हिंदी में सरकारी कामकाज करने की व्यवस्था दी गयी है। हिंदी को पूर्ण रूप से स्थापित होने तक 15 वर्षों के लिये अंग्रजी भाषा में कामकाज की छूट दी गयी थी और यह आज तक जारी है।
न्यायालय ने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए राजभाषा नीति के तहत हिंदी में सरकारी काम करने पर बल दिया। याची के नाम में अंतर होने पर सुधार की मांग की गयी थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।