नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्र के स्थानीय निकाय के चुनावों में अन्य पिछड़ी जातियों को आरक्षण देने के प्रावधान वाली अधिसूचना रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को त्रुटिपूर्ण करार देते हुए गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 27 दिसंबर के अपने फैसले में ओबीसी आरक्षण के प्रावधान को रद्द करते हुए राज्य सरकार को बिना ओबीसी आरक्षण तत्काल चुनाव कराने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय ने राज्य के कई नगर पालिकाओं के कार्यकाल 31 जनवरी 2023 को समाप्त होने के तथ्य पर गौर करते हुए बिना ओबीसी आरक्षण तत्काल चुनाव कराने का आदेश दिया था।
शीर्ष अदालत के समक्ष दायर याचिका में राज्य सरकार ने तर्क देते हुए कहा है कि उच्च न्यायालय ने स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव में ओबीसी के लिए सीटों में आरक्षण के प्रावधान संबंधी 5 दिसंबर की अधिसूचना के प्रारुप को रद्द नहीं कर सकती। संवैधानिक रूप से संरक्षित पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने संबंधी अधिसूचना को रद्द करने का फैसला उचित नहीं है।