नई दिल्ली। आगामी आम चुनाव के लिए बिहार में सीटों के बंटवारे के फाॅर्मूले से नाराज होकर राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नाता तोड़ लिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सामाजिक न्याय का एजेंडा छोड़कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का एजेंडा लागू कर रही है।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मंगलवार को नतीजे आने की पूर्व संध्या पर कुशवाहा के इस्तीफे से राजग को गहरा झटका लगा है। सीटों के बंटवारों को लेकर पिछले कुछ महीनों से वह काफी नाराज चल रहे थे। उनके बयानों से उनके राजग छोड़ने के संकेत पहले से ही मिल रहे थे।
कुशवाहा ने यहां अपने आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा आज सौंप दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के एजेंडे पर काम करने के राजग के वायदे के कारण रालोसपा गठबंधन में शामिल हुई थी, लेकिन मुझे ऐसा लगा कि मोदी सरकार अपने सामाजिक न्याय के रास्ते से भटक गई है और वह संघ के एजेंडे पर पूरी तरह चलने लगी है।
कुशवाहा ने अन्य दलों के साथ गठबंधन के एक सवाल के जवाब में कहा कि रालोसपा ने फिलहाल अभी कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन इसने अपने सारे विकल्प खुले रहे हैं। उन्होंने कहा कि रालोसपा के पास अकेले चुनाव लड़ने, महागठबंधन में शामिल होने और तीसरे मोर्चे के गठन का विकल्प खुला है। इस बारे में पार्टी में जल्द ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने हालांकि संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया।
रालोसपा प्रमुख ने भारतीय जनता पार्टी की बिहार प्रदेश इकाई और नीतीश कुमार नीत जनता दल यू के खिलाफ राज्य में उनकी पार्टी को तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह खुद और उनकी पार्टी बिहार की जनता की सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं और राजग से अलग होकर भी उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र ‘काराकात’ से ही आगामी चुनाव लड़ने की घोषणा की।
उन्होंने राज्य के अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के हितों की अनदेखी करने, उनका हक दिलाने, शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने तथा राज्य के विकास के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार के असफल रहने का दावा किया। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख के आरक्षण संबंधी बयान के कारण बिहार में तत्कालीन उपचुनावों में राजग को करारा झटका लगा था और इस बार फिर राज्य की जनता भाजपा-जद यू गठबंधन को मजा चखाएगी।
राम मंदिर पर हो रही राजनीति को लेकर एक सवाल के जवाब में कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी धार्मिक स्थलों पर निर्माण के विरोध में नहीं है, लेकिन इसे उचित तरीके से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि राजनीतिक दलों का काम जनहित के कार्य करना है, न कि मंदिर-मस्जिद बनवाना।
गौरतलब है कि रालोसपा ने 2014 के आम चुनावों में तीन सीटें जीती थीं। ऐसी जानकारी है कि इस बार भाजपा ने बिहार में सीटों को लेकर राम विलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी को ज्यादा तरजीह दी है, जबकि रालोसपा को किनारे किया जाता रहा है।