आबूरोड/सिरोही। एक तरफ जहां वर्षा ऋतु में बेजुबान मवेशियों में संक्रमण का खतरा बन जाता है वहीं दूसरी तरफ उपलागढ़ के पशु चिकित्सालय पर बीते 4 माह से लटका ताला पशुपालकों के पशुधन का यमदूत बनकर काल की त्रासदी में धकेल रहा है।
उपचार एवं दवाई के अभाव में मवेशी तोड़ रहे दम
उपलागढ़ की बिछली फली के पशुपालक गजा पुत्र रूपा गरासिया की एक गाय, सोमाराम पुत्र नगा का एक बेल एवं एक गाय का बछड़ा, पुना पुत्र देवा निवासी बलिया कुआं की एक भैंस, तथा धर्मा् पुत्र सकरा व शंकर पुत्र मोती गरासिया के बकरियों में संक्रमण फैल जाने से आठ-दस बकरियां ने पत्ते खाना छोड़ दिया है। इसके अलावा समीप के राडा एवं निचली बोर में पशु संक्रमण से अधिक संख्या मे बकरियां काल का ग्रास होने की जानकारी मिली।
पशुओं में क्या है लक्षण
ज्यादातर बकरियों में दस्त के साथ सफेद चिपचिपा निकलने के साथ, नीचे बैठने ही गर्दन मोड़ लेती है, फिर कुछ घंटे करहाने के बाद दम ही तोड़ देती है। अन्य मवेशी गाय, बैल, भैंसों में मुंहपका, खुरपका जैसे रोग इलाज के अभाव में कीडे उत्पन्न होने से दम तोडने लगते हैं।
कुछ भी कहने से बच रहा महकमा
महीनों से बंद पशु चिकित्सालय के नहीं खुलने से परेशान पशुपालक जब 10 किलोमीटर दूर देलदर के पशु चिकित्सालय जाते हैं तो वहां भी टका सा जवाब मिलता है। उपलागढ़ चिकित्सालय कब खुलेगा इस बारे में जिला मुख्यालय अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं।