नई दिल्ली। हिन्दी के राजभाषा से जुड़े पूरक प्रश्न की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्षी दलों ने मंगलवार को लोकसभा में हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन किया।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं दिये जाने पर अपनी-अपनी सीटों के पास खड़े होकर हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन किया। द्रमुक सदस्यों ने कहा कि हिन्दी को पूरे देश में थोपा नहीं जा सकता, इसलिए इससे संबंधित पूरक प्रश्न पूछने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
सदन में हंगामे के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह तमिलनाडु की जनता की हृदय की आवाज है इसलिए उन्हें पूरक प्रश्न पूछने की अनुमति दी जानी चाहिए।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में हिन्दी भाषा बोली जाती है लेकिन राज्यों की मातृभाषा के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। किसी भी राज्य पर जबरन हिन्दी नहीं थोपी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि जिन राज्यों की मातृभाषा हिन्दी नहीं है वहां भी हिन्दी का काफी प्रयोग किया जा रहा है।
उन्होंने जैसे ही कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी आंशिक रूप में हिन्दी का प्रयोग किया जाता है द्रमुक और कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। ये सदस्य इस विषय पर पूरक प्रश्न पूछने की मांग करने लगे और अनुमति नहीं दिये जाने पर सदन से बहिर्गमन कर गये।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इससे पहले सदस्यों से प्रश्न संक्षिप्त में पूछने तथा मंत्रियों से संक्षिप्त में जवाब देने का आग्रह किया। ऐसा करने से अधिक सवाल लिये जा सकते हैं। उन्होंने किसी सदस्य का नाम लिये बगैर कहा कि प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद भी सवाल पूछकर आसन की तरफ सवाल खड़े करना सही नहीं है।