नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल के आज अचानक इस्तीफा दिये जाने पर कहा कि वह उच्च कोटि के अर्थशास्त्री हैं और अब देश को उनकी काफी कमी खलेगी।
मोदी ने कहा कि पटेल पूरी तरह पेशेवर और पूर्ण रूप से ईमानदार हैं। उनकी गहरी अंतरदृष्टि है और वृहद अर्थव्यवस्था पर जबरदस्त पकड़ है। उन्होंने अस्त व्यस्त बैंकिंग प्रणाली को दुरूस्त करने तथा उसमें अनुशासन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पटेल लगभग 6 साल तक रिजर्व बैंक के डिप्टी गर्वनर और गर्वनर रहे। उनके नेतृत्व में रिजर्व बैंक में वित्तीय स्थिरता आई। वह अपने पीछे एक बड़ी विरासत छोड़ गए हैं और देश को उनकी काफी कमी खलेगी।
उल्लेखनीय है कि पटेल ने सोमवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया हालांकि उन्होंने कहा है कि वह व्यक्गित कारणों से पद छोड रहे हैं। उन्हें रघुराम राजन के बाद रिजर्व बैंक का गर्वनर बनाया गया था।
उर्जित पटेल के इस्तीफे पर राष्ट्रपति से मिलेंगे विपक्षी नेता
सरकार से कथित टकराव के कारण रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल के इस्तीफे पर विपक्षी नेताओं ने गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि वे इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे।
तेलुगु देशम पार्टी के नेता एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र से पूर्व बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक के बाद तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा कि देश में उच्च पदों पर बैठे लोग राजनीतिक कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं जो चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि प्रमुख जांच एजेन्सी केन्द्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों के बीच टकराव और अब पटेल के इस्तीफे से देश में आर्थिक और राजनीतिक आपातकाल के हालात बन गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति से मिलने का निर्णय लिया है।
इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि एक और बडे पदाधिकारी को इस्तीफा देना पड़ा है और यह लोकतांत्रिक संस्थाओं पर ‘चौकीदार’ के हमले का परिणाम है।
विरल आचार्य ने इस्तीफा नहीं दिया : रिजर्व बैंक
मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के भी पद छोड़ने की खबर से केन्द्रीय बैंक के प्रवक्ता ने इनकार किया है।
प्रवक्ता ने एक निजी टेलीविजन चैनल से कहा कि आचार्य ने न तो इस्तीफा दिया है और न ही उन्होंने ऐसी इच्छा व्यक्त की है।
उल्लेखनीय है कि आचार्य ने ही केन्द्रीय बैंक में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ने की बात कही थी। इसके बाद केन्द्रीय बैंक और सरकार में तनाव बढ़ने की खबर आने लगी थी। गत 19 नवंबर को रिजर्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड की बैठक में ही पटेल के इस्तीफा देने की चर्चा थी, लेकिन उस दिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था।