नई दिल्ली। वाम दलों ने कहा है कि अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की भारत यात्रा के पीछे अमरीका का मकसद हमारी अर्थव्यवस्था को खोलने की धमकी देना और हम पर दबाव बनाना है लेकिन भाजपा नीत सरकार ने विरोध करने की बजाय घुटने टेक दिए हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सुधाकर रेड्डी भाकपा -माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक के देबव्रत विश्वास तथा रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव क्षिति गोस्वामी ने एक बयान में यह आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि पोम्पियो ने 25 और 26 जून को भारत यात्रा की घोषणा की है और इसका मकसद भारत की अर्थव्यस्था को और खोलना है तथा वाणिज्य पर लगे अवरोधों को कम करना तथा अमरीकी रक्षा उत्पादों को भारत में बेचने का रास्ता प्रशस्त करना है।
उनकी यह यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब अमरीका ने भारत को व्यापार के लिए मनपसंद देशों की सूची से बाहर कर दिया है। इसके तहत अगर भारत ईरान और वेनेज़ुएला से तेल लेगा तो अमरीका भारत पर प्रतिबन्ध लगा देगा।
उनका कहना है कि अमरीका न केवल ईरान बल्कि क्यूबा और वेनेजुएला पर दबाव बना रहा है और उन्हें प्रतिबन्ध की धमकी दी रहा है। वाम दलों ने कहा है कि भारत की संप्रभुता और आत्म सम्मान की कीमत पर हमें इस तरह का दवाब मंजूर नही है। भाजपा राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की जगह अमरीका के आगे घुटने टेक रही है और हमारी मांग है कि हमें एक स्वतंत्र नीति अपनानी चाहिए।