नई दिल्ली । बहुत सारे लोग आज यह मानते हैं कि हमारे लीडर्स को अपने आत्मकेंद्रित तरीके को ‘मैं और समाज‘ केंद्रित तरीके में बदलने की जरूरत है। हालांकि, ऐसे ट्रेनिंग लीडर्स के लिए ऐसा कोई शैक्षणिक कार्यक्रम उपलब्ध नहीं है।
इसी कमी को दूर करने के उद्देश्य के साथ क्वांटम एक्टिविज्म विलेज फाउंडेशन ने आज नई दिल्ली में क्वांटम एक्टिविज्म विश्वालयम को लॉन्च करने का एलान किया, जो नए लीडर्स के लिए शैक्षिक कार्यक्रम में इस व्यापक अंतर को दूर करेगा। विलेज फाउंडेशन ‘‘क्वांटम वल्र्डव्यू‘‘ के सिद्धांतों और ढांचे के आधार पर विशेष रूप से हेल्थकेयर और वेलनैस तथा व्यापार और अर्थशास्त्र की दुनिया के लीडर्स के लिए अनुभवी शिक्षा और जीवन के लिए एक आदर्श स्थान प्रदान करेगा।
दुनिया भर में क्वांटम एक्टिविज्म मूवमेंट के संस्थापक डाॅ अमित गोस्वामी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित भौतिक विज्ञानी और दूरदर्शी हैं, जिन्होंने एक दशक पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने क्वांटम एक्टिविज्म मूवमेंट के विस्तार के रूप में क्वांटम एक्टिविज्म विलेज फाउंडेशन का निर्माण किया था। वे कहते हैं, ‘‘आखिरकार हमें भारत में एक स्थायी घर मिल गया है, जो कि सेंटर आॅफ क्वांटम एक्टिविज्म का वैश्विक मुख्यालय होगा।
दरअसल भारत, अर्जेंटीना, ब्राजील, उत्तरी अमेरिका और यूरोप के सर्विस माइंडेड पेशेवरों का एक समूह जो इस विचार से सहमत है, सार्वभौमिक चेतना के इस सपने को साकार करने के लिए एक साथ आया है।‘‘ तब ये नेता दुनिया के लिए ऐसे दूत बन जाएंगे जो अपनी रचनात्मक क्षमता का उपयोग खुद को बदलने के लिए करेंगे क्योंकि वे दुनिया को बदलने के लिए सिखाते हैं। वे विश्वालयम से संबंधित सभी मामलों को सह-निर्माण और प्रबंधित करेंगे ताकि इसे पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाया जा सके और परिवर्तनीय शिक्षा और जीवन का एक प्रमुख उदाहरण बनाया जा सके।
भारत में ऐसे पहले शैक्षणिक सेट-अप का एलान करते हुए क्वांटम एक्टिविज्म विलेज फाउंडेशन के सीईओ श्री दिनेश कुकरेजा ने कहा, ‘‘हम 100 करोड रुपए के शुरुआती निवेश के साथ क्वांटम एक्टिविज्म विश्वालयम की स्थापना करने जा रहे हैं, जिसमें एक कम्युनिटी लिविंग स्पेस भी होगा। विश्वालयम लगभग 300 एकड़ जमीन पर फैला होगा जिसमें समग्र जीवन को बढ़ावा देने, पूरी तरह से आत्मनिर्भर होने और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से पेशेवरों और नेताओं के लिए परिवर्तनकारी शिक्षण और सीखने के लिए वातावरण प्रदान किया जाएगा।
इसमें ध्यान, आत्म उपचार, अपने भोजन को उगाना, ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अनुकूल स्थान होंगे- और यह सभी चेतना की प्राथमिकता के सिद्धांत की मान्यता के आधार पर होंगे। यह पिरामिड की सकारात्मक ऊर्जा का भी उपयोग करेगा जो चेतना की सभी चीजों को प्रभावित करने के प्रतीक के रूप मंे जाना जाता है। विश्वालयम परिसर में इस उद्देश्य के लिए सबसे बड़ा मेडिटेशन पिरामिड बनाने की योजना भी है।‘‘
विश्वालयम ने क्वांटम साइंस और काॅन्शस लीडरशिप में एक वर्षीय सर्टिफिकेशन पाठ्यक्रम शुरू कर दिया है। इस कोर्स में दो सेमेस्टर होंगे, पहले सेमेस्टर में स्व-विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और दूसरे सेमेस्टर में पेशेवर विकास और एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करेंगे। एक साल के इस पाठ्यक्रम में 20 दिनों का गहन कक्षा शिक्षण सत्र शामिल होगा और शेष पाठ्यक्रम इंटरनेट के माध्यम से दिया जाएगा। इसका उद्देश्य हमारे जीवन में चेतना के विज्ञान को एकीकृत करके आजीविका कमाने के साधनों के साथ सही सोच और सही जीवन के सही तरीके से अभ्यास करना है। पाठ्यक्रम में क्लासरूम टीचिंग और डिस्टेंस लर्निंग मॉड्यूल का संयोजन होगा।
विश्वालयम के शैक्षिक कार्यक्रम का लक्ष्य क्वांटम विज्ञान और चेतना पर प्रामाणिक वैज्ञानिक अनुसंधान के सहयोग के साथ प्राचीन ज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों के आधार पर समग्र और परिवर्तनकारी प्रणाली को विकसित करना है। विश्वालयम में पिरामिड मेडिटेशन सेंटर, शैक्षणिक केंद्र, क्वांटम इंटीग्रेटिव हेल्थकेयर, आर्गेनिक फार्म, क्वांटम विलेज, सामुदायिक रसोई और क्वांटम उद्यमिता विकास केंद्र होगा, जो भावनात्मक रूप से तनावग्रस्त और आज की पीढ़ी के जीवन से असंतोष को दूर करने में मदद करना होगा। साथ ही, इसका मकसद क्वांटम सिद्धांतों के अनुसार पेशेवरों और लीडर्स की एक नई खेप को संरक्षण प्रदान करते हुए उन्हें सामने आने का अवसर प्रदान करता है। ये पेशेवर एक खुशहाल और अधिक बुद्धिमान और उद्देश्यपूर्ण समाज बनाने में मदद करेंगे।
क्वांटम एक्टिविज्म की अनूठी अवधारणा और अपने सिद्धांतों के अनुसार सीखने और रहने के आधार पर विश्वालयम के विजन का परिचय देते हुए मीडियाकर्मियों को पूरे कार्यक्रम से अवगत कराया गया, जिसका सारांश नीचे प्रस्तुत किया गया है। डॉ गोस्वामी एक दशक से अधिक समय से विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में क्वांटम एक्टिविज्म की अवधारणा से संबंधित कार्यशालाओं का संचालन कर रहे हैं। वे ‘‘व्हाट द ब्लीप डू वी नो‘‘, ‘‘द क्वांटम एक्टिविस्ट‘‘ और ‘‘दलाई लामा रेनेसां‘‘ जैसे वृत्तचित्रों में अपनी मौजूदगी के कारण भी जाने जाते हैं।
वे भारत की पहचान आध्यात्मिकता के विकास की धरती के रूप में करने पर जोर देते हंै, जहां वर्षों पहले एक बहुत ही उन्नत सभ्यता और ज्ञान की व्यवस्था विकसित हुई थी और क्वांटम विज्ञान में उनके शोध से पता चला है कि ‘‘इस जगत में चेतना ही समस्त वस्तुओं का आधार है‘‘ – यह हमारे द्वारा मान्यता प्राप्त एक सत्य प्राचीन ज्ञान है जिसे तक्षशिला और नालंदा जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों ने प्रतिपादित किया था। उन्होंने तर्क दिया कि आधुनिक विज्ञान के प्रतिमान के आधार पर इस प्राचीन ज्ञान का पुनरुत्थान हमें सभी के लिए वैश्विक शांति, समृद्धि और खुशहाली हासिल करने के लिए एक व्यावहारिक और टिकाऊ मॉडल कायम करने में सहायता प्रदान करता है।
क्वांटम एक्टिविज्म विश्वालयम शिक्षा कार्यक्रम उन सभी के लिए खुला है, जो क्वांटम विज्ञान/भौतिकी और आध्यात्मिकता, समग्र स्वास्थ्य, ऊर्जा चिकित्सा, पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा, अंतज्र्ञान, आध्यात्मिक उद्यमिता, कला, संगीत, मनोविज्ञान और अकादमिक अध्ययन और अनुसंधान के माध्यम से मानव जाति के सुधार में दिलचस्पी रखते हैं। कुल मिलाकर यह विद्यार्थियों, लाइसेंस प्राप्त पेशेवरों, चिकित्सा विशेषज्ञों, उद्यमियों और समग्र, वैकल्पिक स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों और एक करियर के रूप में एकीकृत समग्र स्वास्थ्य के अध्ययन को आगे बढ़ाने या अपने मौजूदा करियर के पूरक के तौर पर अपनाने के इच्छुक लोगों को लाभ पहुंचा सकता है।
एकीकृत चिकित्सा और परिवर्तनकारी विशेषज्ञ डॉ वैलेंटाइना ओनिसर, जो दुनिया भर में डॉ अमित गोस्वामी के साथ क्वांटम एक्टिविज्म सिखाती हैं, उन्होंने समझाया कि किस तरह वे व्यावहारिक अनुभवी पहलुओं को सामने लाने के लिए डॉ गोस्वामी के साथ काम करती हैं, जिसमें कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के लिए स्व परिवर्तन के एक हिस्से के रूप में क्वांटम उपचार भी शामिल है। आत्म परिवर्तन दरअसल सामाजिक परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण घटक है जो क्वांटम एक्टिविज्म का उद्देश्य है। डॉ वैलेंटाइना, एक योग्य चिकित्सा पेशेवर होने के साथ-साथ, समग्र स्वास्थ्य अनुभव के लिए परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों के साथ योग और अन्य आध्यात्मिक तकनीकों के गहरे ज्ञान को भी एकीकृत करती हंै।