जयपुर । संयुक्त राज्य अमेरिका के सैद्धांतिक क्वांटम भौतिक विज्ञानी, दुनियाभर में क्वांटम एक्टिविज्म मूवमेंट के संस्थापक और क्वांटम एक्टिविज्म और काॅन्शसनैस पर अपने शोध के लिए प्रसिद्ध डॉ अमित गोस्वामी को भारत में अपने समर्थकों की एक टीम का साथ हासिल हुआ है।
यह टीम क्वांटम एक्टिविज्म की अवधारणा को और आगे बढाने का काम करेगी। इस टीम में निदेशक अनुसंधान और शिक्षा आईआईटीयन श्री अनिल सिन्हा भी शामिल हैं, जो पिरामिड वैली, बैंगलुरू में काॅन्शसनैस इंजीनियरिंग रिसर्च फाउंडेशन के सह संस्थापक हैं। इस फाउंडेशन ने मेडिटेशन वैली की स्थापना की है और क्वांटम एनर्जी मेडिसिन पर ग्लोबल कांफ्रेंस की शुरुआत की है। फाउंडेशन की टीम में एकीकृत चिकित्सा और परिवर्तनकारी विशेषज्ञ डॉ वैलेंटाइना ओनिसर भी शामिल हैं, जो दुनिया भर में डॉ अमित गोस्वामी के साथ क्वांटम एक्टिविज्म सिखाती हैं।
जयपुर के एक कारोबारी क्वांटम एक्टिविज्म ग्राम फाउंडेशन के सीईओ श्री दिनेश कुकरेजा स्वयं क्वांटम एक्टिविज्म मूवमेंट से जुडे उत्साही शख्स हैं और वे भी प्रोफेसर सिन्हा की टीम में शामिल हो गए हैं। उन्होंने ‘क्वांटम‘ अवधारणाओं पर 300 एकड के गांव की स्थापना के सपने को साकार करने के लिए क्वांटम एक्टिविज्म विलेज फाउंडेशन के नाम से एक कंपनी की स्थापना की है।
क्वांटम विश्वालयम की स्थापना की भूमिका के तौर पर फाउंडेशन ने पिछले महीने नई दिल्ली में क्वांटम विज्ञान और चेतना नेतृत्व में एक वर्षीय प्रमाणन कार्यक्रम के रूप में अपना उद्घाटन पाठ्यक्रम शुरू कर दिया है। इस कोर्स में दो सेमेस्टर होंगे, पहले सेमेस्टर में स्व-विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और दूसरे सेमेस्टर में पेशेवर विकास और एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
शैक्षिक कार्यक्रम का लक्ष्य क्वांटम विज्ञान और चेतना पर प्रामाणिक वैज्ञानिक अनुसंधान के समर्थन के साथ प्राचीन ज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों के आधार पर समग्र और परिवर्तनकारी प्रणाली को विकसित करना है। एक साल के इस पाठ्यक्रम में 20 दिनों का गहन कक्षा शिक्षण सत्र शामिल होगा और शेष पाठ्यक्रम इंटरनेट के माध्यम से दिया जाएगा। इसका उद्देश्य हमारे जीवन में चेतना के विज्ञान को एकीकृत करके आजीविका कमाने के साधनों के साथ सही सोच और सही जीवन के सही तरीके से अभ्यास करना है। 12 देशों से आए 40 विद्यार्थियों के पहले बैच ने पिछले महीने कोर्स प्रोग्राम की शुरुआत कर दी है।
विश्वालयम के शैक्षिक कार्यक्रम का लक्ष्य क्वांटम विज्ञान और चेतना पर प्रामाणिक वैज्ञानिक अनुसंधान के सहयोग के साथ प्राचीन ज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों के आधार पर हमारे जीवन में समग्र और परिवर्तनकारी प्रणाली को विकसित करना है। पाठ्यक्रम में क्लासरूम टीचिंग और डिस्टेंस लर्निंग मॉड्यूल का संयोजन होगा।
विश्वालयम में पिरामिड मेडिटेशन सेंटर, शैक्षणिक केंद्र, क्वांटम इंटीग्रेटिव हेल्थकेयर, आर्गेनिक फार्म, क्वांटम विलेज, सामुदायिक रसोई और क्वांटम उद्यमिता विकास केंद्र होगा, जिसका लक्ष्य भावनात्मक रूप से तनावग्रस्त और आज की पीढ़ी के जीवन से असंतोष को दूर करने में मदद करना होगा। साथ ही, इसका मकसद क्वांटम सिद्धांतों के अनुसार पेशेवरों और लीडर्स की एक नई खेप को संरक्षण प्रदान करते हुए उन्हें सामने आने का अवसर प्रदान करता है। ये पेशेवर एक खुशहाल और अधिक बुद्धिमान और उद्देश्यपूर्ण समाज बनाने में मदद करेंगे।
वे भारत की पहचान आध्यात्मिकता के विकास की धरती के रूप में करने पर जोर देते हंै, जहां वर्षों पहले एक बहुत ही उन्नत सभ्यता और ज्ञान की व्यवस्था विकसित हुई थी और क्वांटम विज्ञान में उनके शोध से पता चला है कि ‘‘इस जगत में चेतना ही समस्त वस्तुओं का आधार है‘‘ – यह हमारे द्वारा मान्यता प्राप्त एक सत्य प्राचीन ज्ञान है जिसे तक्षशिला और नालंदा जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों ने प्रतिपादित किया था। उन्होंने तर्क दिया कि आधुनिक विज्ञान के प्रतिमान के आधार पर इस प्राचीन ज्ञान का पुनरुत्थान हमें सभी के लिए वैश्विक शांति, समृद्धि और खुशहाली हासिल करने के लिए एक व्यावहारिक और टिकाऊ मॉडल कायम करने में सहायता प्रदान करता है।
अगले कुछ वर्षाें में भारत में बडे पैमाने पर क्वांटम एक्टिविज्म विश्वालयम (ग्लोबलाइज्ड) विलेज की स्थापना करने की योजना बनाई गई है। क्वांटम एक्टिविज्म विलेज फाउंडेषन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री अमित खंडलेवाल कहते हैं, ‘‘हम 100 करोड रुपए के शुरुआती निवेश के साथ क्वांटम एक्टिविज्म विश्वालयम की स्थापना करने जा रहे हैं, जिसमें एक कम्युनिटी लिविंग स्पेस भी होगा। विश्वालयम लगभग 300 एकड़ जमीन पर फैला होगा जिसमें समग्र जीवन को बढ़ावा देने, पूरी तरह से आत्मनिर्भर होने और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से पेशेवरों और नेताओं के लिए परिवर्तनकारी शिक्षण और सीखने के लिए वातावरण प्रदान किया जाएगा।
इसमें ध्यान, आत्म उपचार, अपने भोजन को उगाना, ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अनुकूल स्थान होंगे- और यह सभी चेतना की प्राथमिकता के सिद्धांत की मान्यता के आधार पर होंगे। यह पिरामिड की सकारात्मक ऊर्जा का भी उपयोग करेगा जो चेतना की सभी चीजों को प्रभावित करने के प्रतीक के रूप मंे जाना जाता है। विश्वालयम परिसर में इस उद्देश्य के लिए सबसे बड़ा मेडिटेशन पिरामिड बनाने की योजना भी है।‘‘
विश्वालयम के शैक्षिक कार्यक्रम का लक्ष्य क्वांटम विज्ञान और चेतना पर प्रामाणिक वैज्ञानिक अनुसंधान के सहयोग के साथ प्राचीन ज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों के आधार पर समग्र और परिवर्तनकारी प्रणाली को विकसित करना है। विश्वालयम में पिरामिड मेडिटेशन सेंटर, शैक्षणिक केंद्र, क्वांटम इंटीग्रेटिव हेल्थकेयर, आर्गेनिक फार्म, क्वांटम विलेज, सामुदायिक रसोई और क्वांटम उद्यमिता विकास केंद्र होगा, जो भावनात्मक रूप से तनावग्रस्त और आज की पीढ़ी के जीवन से असंतोष को दूर करने में मदद करना होगा। साथ ही, इसका मकसद क्वांटम सिद्धांतों के अनुसार पेशेवरों और लीडर्स की एक नई खेप को संरक्षण प्रदान करते हुए उन्हें सामने आने का अवसर प्रदान करता है। ये पेशेवर एक खुशहाल और अधिक बुद्धिमान और उद्देश्यपूर्ण समाज बनाने में मदद करेंगे।