वाशिंगटन। अमरीका ने उच्च जोखिम वाले 11 देशों के शरणार्थियों पर से प्रतिबंध हटा लिया है और संभावित अतिवादियों और अपराधियों की पहचान के लिए जांच और कड़े करने की घोषणा की है।
वाशिंगटन पोस्ट की रपट के अनुसार ट्रंप प्रशासन ने कानून प्रवर्तन की संवेदनशीलता को देखते हुए सोमवार को उन 11 ‘उच्च जोखिम’ वाले देशों की पहचान बताने से इंकार कर दिया। लेकिन इस सूची से अवगत अधिकारियों ने बताया कि इन देशों में मिस्र, ईरान, लीबिया, दक्षिणी सूडान, यमन, सूडान, इराक, माली, उत्तर कोरिया, सोमालिया और सीरिया शामिल हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक इन ‘उच्च जोखिम’ वाले देशों के आवेदकों को अमेरिकी जांचकर्ताओं के द्वारा व्यापक पृष्ठभूमि की जांच का सामना करना पड़ेगा। सरकार संभावित खतरे की पहचान के लिए और कठोर प्रणाली लागू करेगी।
आंतरिक सुरक्षा सचिव किर्स्टजेन नीलसन ने एक बयान में कहा कि इन अतिरिक्त सुरक्षा उपायों से असामाजिक तत्वों के द्वारा हमारे शरणार्थी कार्यक्रम का दोहन करना और मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अमरीका को अवश्य ही वैश्विक समुदाय के प्रति अपनी बचनबद्धता पूरी करनी चाहिए, जो उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं और इसे अमेरिकी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।
अमेरिकी अधिकारियों ने पत्रकारों से कहा कि नए उपायों के तहत आवेदनकर्ताओं के परिजनों का अतिरिक्त साक्षात्कार लिया जाएगा और संगठित अपराध की संभावना के मद्देनजर जांच की जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि इन 11 देशों के लिए उच्च जोखिम प्रतिबद्धता का धर्म के साथ कुछ लेना-देना नहीं है।
उच्च जोखिम सूची की समीक्षा प्रत्येक छह महीनों में की जाती है और अमरीका के लिए सुरक्षा खतरे की समीक्षा के आधार पर किसी देश को जोड़ा या हटाया जाता है।
गत वर्ष, अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक निर्देश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके अंतर्गत देश की वार्षिक शरणार्थी क्षमता को 45 हजार करने के आदेश दिए गए थे। यह संख्या वार्षिक आधार पर 1980 के बाद सबसे कम थी।