मुंबई। लाॅकडाउन के बावजूद देश के धनकुबेर मुकेश अंबानी के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेशकों का तांता लगा हुआ है और मात्र एक माह में उसे पांचवा निवेशक अमरीकी निजी इक्विटी निवेशक केकेआर मिला जिसने शुक्रवार को 11367 करोड़ रुपए निवेश से झोली भरी।
केकेआर का जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश 4.91 लाख करोड रुपए के इक्विटी मूल्यांकन और 5.61 लाख करोड़ रुपए के उद्यम पूंजी मूल्यांकन पर हुआ है। अमरीकी कंपनी को निवेश की एवज में जियो प्लेटफॉर्म्स में 2.32 प्रतिशत इक्विटी मिलेगी। केकेआर का एशिया में किसी कंपनी में अब तक का सबसे बड़ी राशि का निवेश है।
जियो प्लेटफॉर्म्स में 22 अप्रैल को निवेश का सिलसिला सोशल मीडिया महारथी फेसबुक के निवेश से शुरू हुआ और इसके बाद सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पाटर्नर्स, जनरल अटालांटिका और अब केकेआर ने कुल 78,562 करोड़ रुपए से झोली भर दी।
जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। ये अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी कंपनी है जो देश को एक डिजिटल समाज बनाने के काम में मदद कर रही है। इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल ऐप, डिजिटल ईकोसिस्टम और देश के नंबर एक हाइ-स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफ़ॉर्म को एक-साथ लाने का काम कर रही है। रिलायंस जियो इंफ़ोकॉम लिमिटेड, जिसके 38 करोड़ 80 लाख ग्राहक हैं, वो जियो प्लेटफ़ॉर्म्स लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई बनी रहेगी।
अमरीका की केकेआर की स्थापना 1976 में हुई और उसके पास वैश्विक निजी उद्यमों में निवेश का लंबा अनुभव है। निजी इक्विटी और टेक्नोलॉजी ग्रोथ फंड के माध्यम से केकेआर ने बीएमसी सॉफ्टवेयर, बाइटडांस और गोजेक सहित कई प्रौद्योगिकी कंपनियों में सफलतापूर्वक निवेश किया है। फर्म ने तकनीकी कंपनियों में 30 बिलियन (कुल उद्यम मूल्य) से अधिक का निवेश किया है, और आज फर्म के टेक पोर्टफोलियो में प्रौद्योगिकी, मीडिया और दूरसंचार क्षेत्रों की 20 से अधिक कंपनियां हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के अध्यक्ष एंव प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने केकेआर के निवेश पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा “दुनिया के सबसे सम्मानित वित्तीय निवेशकों में से एक केकेआर का एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। केकेआर भारतीय डिजिटल इको सिस्टम में बदलाव की हमारी यात्रा का हमसफर बनेगा। यह सभी भारतीयों के लिए लाभप्रद होगा।
केकेआर भारत में एक प्रमुख डिजिटल समाज के निर्माण के हमारे महत्वाकांक्षी लक्ष्य को साझा करता है। एक महत्वपूर्ण भागीदार होने का केकेआर का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है। हम जियो को आगे बढ़ाने के लिए केकेआर के वैश्विक प्लेटफॉर्म, इंडस्ट्री की जानकारियां और परिचालन विशेषज्ञता का लाभ उठाने की उम्मीद करते हैं।
केकेआर के सह-संस्थापक और सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेनरी क्राविस ने निवेश पर कहा कि कुछ कंपनियों के पास ही देश के डिजिटल इको सिस्टम को बदलने की ऐसी क्षमता होती है जैसा की जियो प्लेटफामर्स भारत में और संभवतः दुनिया भर में कर रहा है। जियो प्लेटफामर्स एक सच्चा स्वदेशी प्लेटफॉर्म है जो भारत में डिजिटल क्रांति कर रहा है और इसके पास देश को प्रौद्योगिकी समाधान और सेवाएं देने की बेजोड़ क्षमता है।
हम जियो प्लेटफामर्स की प्रभावशाली गति, विश्व स्तरीय नवाचार और मजबूत नेतृत्व टीम के कारण निवेश कर रहे हैं। इस निवेश को हम भारत और एशिया प्रशांत में अग्रणी प्रौद्योगिकी कंपनियों के समर्थन के लिए केकेआर की प्रतिबद्धता के रूप में देखते हैं।
जियो का सपना एक ऐसे “डिजिटल भारत” निर्माण का है जिसका फ़ायदा 130 करोड़ भारतीयों और व्यवसायों को मिले। एक ऐसा डिजिटल भारत जिससे ख़ास तौर पर देश के छोटे व्यापारियों, सूक्ष्म व्यवसायिओं और किसानों के हाथ मज़बूत हों। जियो ने देश में डिजिटल क्रांति लाने और भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल ताकतों के बीच अहम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जियो प्लेटफॉर्म्स में केकेआर से पहले पिछले एक महीने के दौरान हुए निवेश में फेसबुक इंक 43574 करोड़ रुपए (9.99 प्रतिशत इक्विटी), सिल्वर लेक 5656.75 करोड़ (1.15 प्रतिशत), विस्टा इक्विटी पार्टनर्स 11367 करोड़ (2.32 प्रतिशत) और जनरल अटलांटिक 6598.38 करोड़ रुपये (1.34 प्रतिशत) कर चुके हैं।