नई दिल्ली। अमरीका के विदेश मामलों की समिति ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की निंदा की और भारत सरकार के रुख का समर्थन करते हुए साफ शब्दों में कहा कि देशों को जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई में छूट की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
समिति के अध्यक्ष एवं न्यूयॉर्क में ब्रोंक्स और वेस्टचेस्टर काउंटी के कुछ हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले अमरीकी कांग्रेसी एलियट एंगेल ने एक ट्वीट में कहा कि मैं भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। देशों को जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई में छूट की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
भारत में अमरीका के राजदूत केन जस्टर ने गुरुवार को यहां अपने ट्वीट में कहा कि भारत में अमरीकी मिशन ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। हम पीड़ितों के परिजनाें के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। अमरीका भारत के साथ आतंक का सामना करने और उसे हराने में साथ खड़ा है।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने ट्वीट किया कि मैं कश्मीर के पुलवामा जिले में क्रूर आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। वर्ष 1989 के बाद से जम्मू-कश्मीर में अब तक का यह सबसे भयानक आतंकी हमला। मैं नरेन्द्र मोदी और हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।
मालदीव के विदेश मामलों के मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के काफिले पर आत्मघाती आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मैं शहीदों और घायलों के शोक संतप्त परिवारों के लिए अपनी प्रार्थना और संवेदना का व्यक्त करता हूं।
रूसी दूतावास ने कहा कि हम आतंकवाद और उसके सभी रूप की कड़ी निंदा करते हैं। इन अमानवीय कृत्यों का मुकाबला निर्णायक और सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ बिना किसी दोहरे मापदंड के भारत के साथ खड़े हैं। हम पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं।
भारत में फ्रांस के राजदूत एलेक्जेंडर जेग्लर ने ट्वीट किया कि फ्रांस भारत के जम्मू-कश्मीर में हुए जघन्य हमले की कड़ी निंदा करता है।