कोलकाता। भारतीय अभियांत्रिकी निर्यात संवर्धन परिषद ने शनिवार को कहा कि अमरीका की संघीय सरकार के ठप हो जाने से देश का निर्यात प्रभावित होगा, क्योंकि अमरीका सबसे ज्यादा निर्यात किए जाने वाले देशों में से एक है। सीनेट के डेमोक्रेट सांसदों द्वारा संघीय सरकार के एक अल्पकालिक व्यय उपाय पर रोक लगाने के बाद अमरीकी सरकार ने चार सालों बाद पहली बार शनिवार को बंदी की घोषणा की।
दरअसल, अमरीका में एंटी डेफिशिएंसी एक्ट लागू है, जिसके तहत फंड की कमी होने पर संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है। दूसरी तरफ, सरकार इस फंड की कमी पूरी करने के लिए एक अल्पकालिक व्यय समझौता विधेयक लाती है, जिसे अमरीकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट में पारित कराना पड़ता है। यह विधेयक प्रतिनिधि सभा ने तो पारित कर दिया, लेकिन सीनेट ने नामंजूर कर दिया।
ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष रवि पी. सहगल ने कहा कि अमरीकी संघीय सरकार की बंदी की खबर निश्चित रूप से भारतीय निर्यातकों के लिए बुरी खबर है। क्योंकि देश से सर्वाधिक निर्यात की जानेवाली अर्थव्यवस्थाओं में अमेरिका प्रमुख है।
उन्होंने कहा कि इंजीनीयरिंग क्षेत्र के लिए अमरीका नंबर वन निर्यात गंतव्य है और वर्तमान वित्त वर्ष में इसमें मजबूत बढ़ोतरी देखी जा रही है।
सहगल ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के अप्रेल-दिसंबर की अवधि के दौरान अमेरिका को किए जानेवाले इंजीनीयरिंग निर्यात में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी रही है।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अमरीका के वाणिज्य और परिवहन विभाग के 60,000 से ज्यादा कर्मचारियों को बंदी के दौरान छुट्टी पर भेज दिया जाएगा, जिससे बंदरगाहों के संचालन के साथ ही समाशोधन भी प्रभावित होगा।