बेंगलुरू। भारत में पैदा हुए व स्टैंनफोर्ड यूनिवर्सिटी से सेवानिवृत्त प्रोफेसर आरोग्यस्वामी जोसेफ पॉलराज को अमरीकी पेटेंट व ट्रेडमार्क कार्यालय (यूएसपीटीओ) ने वायरलेस तकनीक बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
पॉलराज यूएसपीटीओ के नेशनल इंवेंटर्स हॉल ऑफ फेम में हाईस्पीड डाटा का संचार व प्राप्ति के के लिए वायरलेस प्रौद्योगिकी विकसित करेंगे, यह जानकारी अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने दी।
वाशिंगटन डीसी के अनुसार 73 वर्षीय पॉलराज को वायरलेस प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके अग्रणी कार्य के लिए नेशनल इंवेंटर्स हॉल ऑफ फेम में नियुक्त किया गया है। वह यहां हाईस्पीड डाटा का संचार व प्राप्ति के के लिए वायरलेस प्रौद्योगिकी विकसित करेंगे।
एजेंसी ने 1992 में पॉलराज को मल्टीपल इन मल्टीपल आउट (एमआईएमओ) के आविष्कार के लिए पेटेंट अवार्ड किया था।
तमिलनाडु के पोलैची में पैदा हुए पॉलराज 15 साल की उम्र में ही भारतीय नौसेना में शामिल हो गए थे। उनके अकादमिक रिकॉर्ड से प्रभावित होकर नौसेना ने उन्हें नई दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भेजा जहां से उन्होंने सिगनल फिल्टरिंग थ्योरी में पीएचडी की डिग्री हासिल की।
नौसेना में 25 साल सेवा देने के बाद पॉलराज 1992 में अमरीका गए। वहां उन्होंने स्टैंफोर्ड में एमआईएमओ आधारित सेल्युलर वायरलेस प्रौद्योगिकी विकसित की। यह प्रौद्योगिकी वाईमैक्स और एलटीई मोबाइल नेटवर्क का आधार बन गया।
पॉलराज के पास 79 पेटेंट्स हैं और उन्होंने कई सम्मान हासिल किए हैं, जिनमें 2011 आईईई अलेक्जेंडर ग्राहम बेल मेडल और 2014 मार्कोनी प्राइज व फेलोशिप शामिल हैं।
एनडीए सरकार ने 5जी इंडिया 2020 के लिए विजन व मिशन तैयार करने वाली दूरसंचार विभाग की संचाचल समिति का उनको दिसंबर 2017 में अध्यक्ष नियुक्त किया था। पॉलराज ने बताया कि विभाग ने मुझे 5जी वायरलेस में एप्लीकेशन व इंटरनल वैल्यू एडीशन को उन्नत बनाने को कहा था।