नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार की सत्तावापसी के बाद अमरीका के किसी मंत्री की पहली भारत यात्रा के तहत अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर मंगलवार की रात यहां पहुंचे।
पोम्पियो बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। पोम्पियो और जयशंकर के बीच बुधवार को होने वाली बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसमें आतंकवाद, अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दे, ईरान-अमेरिका संघर्ष, भारत और अमरीका के बीच व्यापार के मुद्दे, इंडो पैसिफिक रीजन तथा अन्य मामलों पर चर्चा होने की संभावना है।
पाेम्पियो के तीन दिवसीय दौरे को बेहद महत्वपूर्ण करार देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि अमरीका और ईरान के बीच के मौजूदा हालात में भारत अपने राष्ट्रीय हित के आधार पर ही कोई रूख अपनाएगा। उन्होंने कहा कि अमरीका-ईरान दोनों से भारत के अच्छे संबंध हैं और उनके बीच का तनाव उन कुछ मुश्किल अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में से एक है जाे भारत के समक्ष हैं।
जयशंकर ने सत्तारूढ़ भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर गुजरात में राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन के बाद गांधीनगर स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस मामले में भारत का रूख राष्ट्रीय हितों से ही निर्देशित होगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि पाम्पियो का दौरा बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने अमरीका के साथ भारत के व्यापार शुल्क संबंधी विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस तरह के विवाद कभी कभी पैदा हो जाते हैं पर कूटनीति का तकाजा है कि दोनों देश ऐसी बातों को ढूंढे जो दोनों के लिए लाभदायक हो।
जापान के ओसाका में जी 20 समिट के लिए रवाना होने से पहले पोम्पियो नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। भारत दौरे पर आने से पहले पोम्पियो जयशंकर से बात कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों की द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। अमरीका का मानना है कि दोनों देशों के पास हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर दुनिया के हितों के लिए काम करने का सुनहरा मौका है।
भारत की यात्रा छोड़ अफगानिस्तान पहुंचे पोम्पियो
काबुल। अचानक हुए घटनाक्रम में अमरीकी विदेश मंत्री भारत की यात्रा को बीच में स्थगित कर मंगलवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंच गए। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक पोम्पियो मंगलवार की शाम नई दिल्ली पहुंचने वाले थे।
अफगानिस्तान में पिछले 18 वर्षाें से जारी गृह युद्ध को समाप्त कराने के लिए अमरीका और तालिबान के बीच होने वाली शांति वार्ता से पूर्व अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियों ने मंगलवार को युद्ध प्रभावित देश का अचानक दौरा कर सभी को हैरत में डाल दिया।
पोम्पियो ने मंगलवार को अपने अघोषित कार्यक्रम के दौरान काबुल में राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच सितंबर में अफगान राष्ट्रपति चुनावों से पहले तालिबान के साथ वार्ता और सुरक्षा स्थिति पर चर्चा हुई।
इससे पहले अमरीकी विदेश मंत्री का नई दिल्ली में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य अधिकारियों के साथ बैठकों का कार्यक्रम था जिसे अचानक बीच में ही बदल दिया गया।