न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को प्रतिबंधित करने के लिए फिर से प्रयास आरंभ हो गए हैं और इस उद्देश्य से सदस्य देशों के विचारार्थ एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया गया है।
सूत्रों ने इस बारे में रिपोर्टों की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें पता है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से मुकाबले के प्रयासों के तहत मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का एक मसौदा तैयार किया गया है और उस पर सुरक्षा परिषद के सदस्य देश अनौपचारिक चर्चा करेंगे। अभी यह हालांकि स्पष्ट नहीं है कि इसे औपचारिक रूप से कब पेश किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार भारत के लिए इस कदम के बारे में फिलहाल कोई टिप्पणी करना उचित नहीं है क्योंकि यह सुरक्षा परिषद के सदस्यों के आंतरिक विषयों में आता है।
सूत्रों ने कहा कि भारत का मानना है कि जैश-ए-मोहम्मद ने उसके नागरिकों पर अनगिनत आतंकवादी हमले करने के दावे किए हैं जिनमें पुलवामा में 14 फरवरी को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर जघन्य फिदायीन हमला शामिल है।
मसूद अज़हर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव की अनदेखी कर रहा अमरीका: चीन
चीन ने अमरीका पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका ने इस मसले पर सीधा अपने प्रस्ताव का मसौदा सुरक्षा परिषद में भेजकर 1267 समिति के नियमों का उल्लंघन किया है, जिससे यह मामला और जटिल हो जाएगा।
शुआंग ने कहा कि ऐसे कार्यों से 1267 समिति का अधिकार क्षेत्र कमजोर होता है। 1267 समिति सुरक्षा परिषद की प्रमुख आतंकवाद निरोधक एजेंसी है।
मसूद अज़हर पर सुरक्षा परिषद में लाए गए ताजा प्रस्ताव पर चीन की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने इस मामले से संबंधित किसी भी मसले पर वीटो नहीं लगाया है। हमने प्रस्ताव को विचार के लिए रखा है, यह सुरक्षा परिषद में वीटो से काफी अलग होता है।
गौरतलब है कि 13 मार्च को चीन ने मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने वाले एक प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में वीटो कर उसे रोक दिया था। यह प्रस्ताव अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से लाया गया था।
भारत का मानना है कि जैश-ए-मोहम्मद ने उसके नागरिकों पर अनगिनत आतंकवादी हमले करने के दावे किये हैं जिनमें पुलवामा में 14 फरवरी को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर जघन्य फिदायीन हमला शामिल है जिसमें 44 जवान शहीद हो गए थे।