वाशिंगटन। अमरीकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ ) ने चीन सरकार ने 25 साल पहले पंचेन लामा के तौर पर पहचाने गए गेधुन चोयेक्यी नायिमा को रिहा करने की मांग शुक्रवार को फिर दोहराई।
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने 15 मई 1995 को नायिमा( 6) की पंचेन लामा के तौर पर पहचान की थी। उन्हें दलाई लामा का पुनर्जन्म बताया था। पंचेन लामा को तिब्बती बौद्ध के सबसे बड़े स्कूल में दूसरा सबसे बड़ा पद माना जाता है। गेधुन चोयक्यी को 11वें पंचेन लामा घोषित करने के तीन दिन बाद ही चीन के अधिकारियों ने उन्हें और उनके परिवार को अगवा कर लिया। उनका अब तक पता नहीं चल सका है।
यूएससीआईआरएफ के आयुक्त नाडिन मेंजा ने कहा कि नायिमा के लापता होने के लगभग 26 साल हो चुके हैं। वह अपहरण के समय केवल छह साल के थे। वह 25 अप्रैल को 32 वर्ष के हो जाएंगे। उनका कोई अता पता नहीं है और यह भी नहीं मामूल है कि वह सुरक्षित हैं भी अथवा नहीं। उनके बारे में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दिया जाना स्वीकार्य नहीं है।