नयी दिल्ली । केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने दिव्यांगों के कल्याण की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुये मंगलवार को कहा कि इन लोगों के लिये भी नयी प्रौद्योगिकी तथा नवाचार अपनाया जाना चाहिए चाहिये।
गहलोत ने यहां ‘मानसिक एवं शारीरिक रूप से दिव्यांग जनों को वैश्विक स्तर की देखभाल और पुनर्वास सुविधा उपलब्ध कराने की एक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये कई कार्यक्रम चला रही है। इसके लिये वैश्विक स्तर की सुविधाएं, सेवाएं और सहायक उपकरण उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
उन्होंने दिव्यांगजनों के लिये अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और नवाचार के इस्तेमाल पर बल देते हुए कहा कि विशेषज्ञों, कारोबारियों और उद्योगों को इस दिशा में सोचना चाहिए। दिव्यांग कल्याण की सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्हाेंने कहा कि सभी सरकारी भवनों को दिव्यांगों के अनुरूप बनाया जा रहा है जिससे उनमें आवागमन सुगम्य हो सके। इस अवसर पर मंत्रालय में राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और निशक्तजन सशक्तीकरण विभाग की सचिव शकुन्तला डी. गैम्बलिन भी मौजूद थी। कार्यशाला में देश-विदेश के विशेषज्ञ, उद्याेगपति, सरकारी अधिकारी और निजी संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए पहचान पत्र बनाने की योजना बनायी है। ये दिव्यांगजनों को सभी सुविधाएं हासिल करने के लिए देशभर में मान्य होंगे। पहचान पत्र बनाने का काम 24 राज्यों ने शुरू कर दिया है। सभी बहुमंजिला सरकारी इमारतों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और बस स्टैंडों को ‘सुगम्य भारत अभियान’ के तहत लिफ्ट और स्वचालित सीढि़यां बनाकर दिव्यांगजनों के लिए आसान बनाया जा रहा है।