प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मस्जिदों में अजान के वास्ते लाउडस्पीकर लगाने को संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकार की श्रेणी में बताने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला और न्यायमूर्ति विकास की खंडपीठ ने कहा कि मस्जिद में लाउडस्पीकर से अज़ान देना संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकार की श्रेणी में नहीं आता है। अदालत ने कहा कि अज़ान, इस्लाम का अभिन्न अंग तो है, लेकिन लाउडस्पीकर से अज़ान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है।
याचिकाकर्ता इरफान ने बदायूं के उपजिलाधिकारी के गत वर्ष तीन दिसंबर को पारित उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए यह याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने जिले के धोरनपुर गांव में स्थित नूरी मस्जिद में अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति नहीं दी। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि एसडीएम के आदेश से उसके मौलिक अधिकारों का हनन होता है इसलिए यह आदेश अवैध है।