लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर और फूलपुर में लोकसभा के उपचुनाव के नतीजों को जनता का फैसला बताते हुए कहा कि वह हार की समीक्षा करेंगे।
योगी ने दोनों सीटों के परिणाम आने के बाद कहा कि मैं जनता का फैसला स्वीकार करता हूं। हार की समीक्षा करुंगा। समीक्षा में देखा जाएगा कि कहां कमी रह गई, ताकि 2019 के चुनाव में समाजवादी पार्टी तथा बहुजन समाज पार्टी अगर राजनीतिक सौदेबाजी करती है तो उनके खिलाफ रणनीति तैयार हो सके।
उन्होंने कहा कि विकास को बाधित नहीं होने दिया जाएगा। विजयी प्रत्याशियों को बधाई देते हुए उनसे देश के विकास में सहयोग देने की अपील की। सपा ने अंतिम समय में राज्यसभा चुनाव की वजह से बसपा से राजनीतिक सौदेबाजी की। उन्होंने स्वीकार किया कि हार का कारण दोनों के गठबंधन को समझने में हुई कमी और अत्यधिक आत्मविश्वास रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेमेल राजनीतिक दौर शुरु हुआ है। जनता इसे समझेगी। उपचुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं। मतदान कम होना भी हार के कारणों में से एक है। उनका कहना था कि आम चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे हावी रहते हैं। इसलिए 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रचंड बहुमत से एक बार फिर सरकार बनाएंगे।
बतादें कि उत्तर प्रदेश में गोरखपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी भारतीय जनता पार्टी के उपेन्द्र शुक्ल को 21881 मतों से पराजित किया।
निर्वाचन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सपा को 456513 मत मिले जबकि भाजपा को 434632 वोट प्राप्त हुए। सपा को यहां से पहली बार जीत हासिल हुई है। कांग्रेस उम्मीदवार डा़ सुरहिता करीम 18844 मतों से तीसरे स्थान पर रहे। गोरखपुर से इन तीन पार्टी उम्मीदवारों सहित कुल 10 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा।
इस संसदीय क्षेत्र में कुल 19 लाख 14 हजार मतदाता थे जिसमें 47.74 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां से लगातार पांच बार सांसद चुने गए थें और उनके पहले दो बार योगी के गुरू महंत अवेद्यनाथ यहां से सांसद थे। गोरतलब है कि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के बाद उनके इस्तीफे से खाली हुई इस लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराए गए।