लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
योगी ने पिछले शनिवार को संतों की बहुप्रतीक्षित मांग पर इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने की घोषणा की थी। इस नाम पर मंगलवार को मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी।
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज करने संबंधी प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है जिसके बाद इलाहाबाद को अब प्रयागराज के नाम से जाना जायेगा। नये नाम से संबंधित औपचारिकताओं को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि हाल ही में इलाहाबाद में हुई कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भी यह मुद्दा आया था। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने की मांग अरसे से चल रही है। राज्यपाल राम नाईक ने भी इसके नाम बदलने पर सहमति जताई थी। सोमवार को ही सरकार ने यह प्रस्ताव तैयार कर लिया था।
सिंह ने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलकर एेतिहासिक प्रयागराज किए जाने की संतों अौर अन्य लोगों की मांग एक अरसे से लंबित थी। कुंभ मेला से पहले सरकार ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है। रेलवे और अन्य विभागों के दस्तावेजों में इलाहाबाद की जगह प्रयागराज लिखा जाएगा।
सिंह ने नाम परिवर्तन को लेकर कुछ समय पहले राज्यपाल रामनाईक को खत भी लिखा था। उन्होंने इस संबंध में विपक्ष के विरोध को बेतुका करार दिया। मंत्री ने कहा कि कि विपक्ष इस मामले में सिर्फ राजनीति कर रहा है जबकि सरकार ने धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस शहर को संतों की मांग पर उसका पुराना नाम दिया है।
योगी की अध्यक्षता में लोक भवन में संपन्न हुई कैबिनेट बैठक में कुल 12 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। जिसमें नई खांडसारी नीति और इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किए जाने के प्रस्ताव की मंजूरी शामिल है। इसके अलावा सात मेडिकल कॉलेजों के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है।
इसके अलावा ललितपुर में पाली तहसील के 23 गांव को सदर तहसील में शामिल किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन को भी सरकार ने मंजूरी दी और नंद बाबा प्रोत्साहन पुरस्कार अवार्ड शुरू किया है।