लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव से महज चार महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपनी कैबिनेट में क्षेत्र और जातिगत समीकरण साधते हुए सात नए मंत्रियों को शामिल किया।
कांग्रेस छोड़ कर करीब तीन महीने पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए जितिन प्रसाद को ब्राहृमण चेहरे के तौर पर मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है जबकि छह अन्य को राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है। राज्य मंत्रियों में दो दलित, तीन अन्य पिछड़ा वर्ग और एक अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राजभवन के गांधी सभागार में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल में नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जितिन प्रसाद के अलावा संगीता बलवंत बिंद (ओबीसी), धर्मवीर प्रजापति (ओबीसी), पलटूराम (अनुसूचित जाति), छत्रपाल गंगवार (ओबीसी), दिनेश खटिक (दलित) और संजय गौड़ (अनुसूचित जनजाति) को राज्यमंत्री के तौर पर योगी की टीम में शामिल किया गया है।
जितिन प्रसाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहाजहांपुर से ताल्लुक रखते है, इसके अलावा धर्मवीर प्रजापति आगरा, छत्रपाल गंगवार बरेली,दिनेश खटिक मेरठ से हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश से आने वाले मंत्रियों में पलटूराम बलरामपुर, संगीता बलवंत बिंद गाजीपुर और संजय गौड़ सोनभद्र से आते हैं।
समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा उनके मंत्रिमंडल के कई अन्य सहयोगी मौजूद थे। योगी मंत्रिमंडल में अभी 53 मंत्री है जबकि सात नए मंत्रियों के शामिल होने से मंत्रिमंडल के लिए निर्धारित कोटा 60 का आंकड़ा पूरा हो गया है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी मार्च में होने की संभावना है। इस लिहाज से नए मंत्रियों के लिए प्रतिभा दर्शाने के लिए काफी कम समय मिलेगा। इससे पहले पितृपक्ष होने के कारण मंत्रिमंडल विस्तार होने के स्थगित होने की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन सरकार की ओर से आज सुबह विस्तार की संभावनाओं के संकेत मिलने लगे थे।
वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई योगी सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार 22 अगस्त 2019 को हुआ था। हालांकि 2020 में वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण तीन मंत्रियों की मृत्यु हो गई। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में छह राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) ने शपथ ग्रहण की थी जिनमें तीन नए चेहरे शामिल किए गए थे।
मौजूदा मंत्रिमंडल विस्तार से पहले योगी कैबिनेट में 22 मंत्री, नौ मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्यमंत्री थे। यूपी में मंत्रिमंडल में अधिकतम 60 सदस्य शामिल किए जा सकते है, इस लिहाज से सात नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई।
गौरतलब है कि देश की राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले उत्तर प्रदेश को लेकर भाजपा पहले से ही संजीदा है। इसका प्रमाण है कि पिछली आठ जुलाई को हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में उत्तर प्रदेश से रिकार्ड 15 मंत्री बनाए गए थे।
समरसता का संदेश देता है मंत्रिमंडल विस्तार : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रविवार को सम्पन्न मंत्रिमंडल विस्तार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को अवसर देने की उनकी सरकार की मंशा का परिचायक है।
राजभवन के गांधी सभागार में सात नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद योगी ने ट्वीट किया कि आज सम्पन्न हुआ मंत्रिमंडल का विस्तार पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के दर्शन को प्रतिबिंबित करता है।
उन्होंने कहा कि आज का विस्तार हर तबके को प्रतिनिधित्व, सामाजिक संतुलन की भावना, समरसता का संदेश तथा अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को अवसर प्रदान करने की मंशा से ओतप्रोत है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में शपथ ग्रहण करने वाले सभी मंत्री गणों को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल कार्यकाल की शुभकामनाएं। निश्चित ही आपके सहयोग एवं कार्य शैली से उत्तर प्रदेश के सतत विकास को और अधिक बल मिलेगा।
एक अन्य ट्वीट में मौर्य ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास।। सबको सम्मान, सबको स्थान।।, यही है भाजपा की पहचान।।, भाजपा ने सबको दिया सम्मान ।।, विपक्षी दल/नेता हो गए हैं परेशान।।, पहली बार अलग अलग समाजों को मंत्री बनने का सम्मान सहित स्थान।।