लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए कांग्रेस ने सीमा पर खड़ी एक हजार बसों को अनुमति नहीं देकर सरकार ने श्रमिक और गरीब विरोधी चेहरा दिखा दिया है।
कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 1000 बसों की अनुमति मांगी थी लेकिन मजदूर-गरीब विरोधी सरकार ने यूपी सीमा पर बसों को अंदर नहीं आने दिया। तीन दिनों तक बसों को लेकर हम दुख के साथ बेबस खड़े रहें।
उन्होंने कहा कि आगरा में मजदूरों के लिए बसों को यूपी की सीमा में लाने की पैरोकारी कर रहे अजय कुमार लल्लू को योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने गैरकानूनी ढंग से गिरफ्तार किया। जैसे ही उनको आगरा में जमानत मिली कि गरीब और मजदूर विरोधी सरकार ने अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दिया और लखनऊ पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज मलिक और बीरेंद्र चौधरी ने जारी संयुक्त बयान में कहा कि प्रदेश अध्यक्ष को 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर जेल भेजा जाना सरकार की तानाशाही और गरीब और मजदूर विरोधी जेहनियत का मुजाहिरा करती है। पूरी पार्टी अपने प्रदेश अध्यक्ष के समर्थन और एकजुटता में खड़ी है।
उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में 50 हजार से अधिक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अपने फेसबुक पेज पर लाइव किया और भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 30वें शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर की। तमाम कार्यकर्ताओं ने श्रमिकों की व्यथा व्यक्त की और श्रमिकों की सेवा का संकल्प लिया।
UP कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष लल्लू को लखनऊ लाने में पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत