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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये पांच लाख 12 हजार करोड़ का बजट प्रस्ताव विधानसभा के पटल पर पेश किया।
बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है जबकि मूलभूत ढांचे के विकास के अलावा एक्सप्रेस परियोजनाओं, धार्मिक पर्यटन एवं सामाजिक सुरक्षा को अहमियत दी गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सूबे के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बजट को सदन के पटल पर रखा जिसका सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया।
बजट आकलन में 12,302.19 करोड़ रूपये का घाटा दर्शाया गया है जिसके अनुसार राजस्व संग्रह 5,00,558.53 करोड़ रूपये के मुकाबले कुल खर्च 5,12,860.72 करोड़ रूपये होगा। हालांकि सरकार का दावा है कि समेकित कोष और अन्य जमा पूंजी को समायोजित करने के बाद घाटा 3,802.19 करोड़ रूपये ही रह जायेगा। इसमें पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 की शेष धनराशि 22,322.87 को जोड़ने के बाद यह आंकड़ा 18,520.68 करोड़ रूपये का लाभ दर्शायेगा।
सरकार का कहना है कि बजट प्रस्तावों में 1097787.35 करोड़ रूपये की नयी परियोजनायें शामिल की जायेंगी। सरकार के मौजूदा कार्यकाल के चौथे बजट में मूलभूत सुविधाओं,धार्मिक पर्यटन,एक्सप्रेस वे और सामाजिक सुरक्षा को तरजीह दी गयी है।